डाक्टरों ने सीएमओ कार्यालय पर लगाए गंभीर आरोप
आयुष व दंत चिकित्सकों ने कोर्ट जाने की दी चेतावनी
देहरादून: होम्योपैथिक, आयुर्वेद, इलेक्ट्रोपैथी और दंत चिकित्सकों की रविवार को रायपुर रोड स्थित सामुदायिक भवन में सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत बार-बार अस्थाई पंजीकरण किए जाने पर एतराज जताया। पंजीकरण नवीनीकरण में देरी पर लिए जा रहे विलंब शुल्क को भी नियमत: गलत बताया। कहा कि सीएमओ कार्यालय एक्ट की आड़ में अवैध वसूली कर रहा है। जिसके खिलाफ न्यायालय की शरण ली जाएगी।
सभा की शुरुआत मुख्य अतिथि भाजपा नेता व वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रविंद्र ने की। उत्तरा होम्योपैथिक एसोसिएशन के संयोजक डा संजय मुंडेपी ने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में अस्थाई पंजीकरण का प्राविधान सिर्फ एक वर्ष के लिए है। उसके बाद पांच वर्ष के लिए स्थाई पंजीकरण होता है। पर मानक तय नही होने के कारण स्थायी पंजीकरण नहीं किया जा रहा। उन्हें प्रत्येक वर्ष अस्थाई पंजीकरण के लिए बाध्य किया जा रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय नियमविरुद्ध यह कार्य कर रहा है। अस्थाई पंजीकरण के नाम पर हर साल विभाग मोटा शुल्क वसूल रहा है। यही नहीं, विलंब शुल्क के नाम पर चिकित्सकों से लाखों रुपए की वसूली की जा रही है। जबकि विलंब शुल्क की व्यवस्था भी स्थाई पंजीकरण में देरी पर है। विलंब शुल्क गलत लिया जा रहा है। इस सबके खिलाफ संगठन न्यायालय की शरण लेगा। पूर्व सचिव डा. कृष्ण गोपाल ने कहा कि एक्ट के कुछ मानक अव्यवहारिक हैैं। जिन्हें छोटे क्लीनिकों के लिए पूरा कर पाना संभव नही है। अगर बिना बेड वाले क्लीनिक एक्ट से बाहर नहीं किए जाते हैैं, तो भविष्य में ये सभी बंद हो जाएंगे। जिससे चिकित्सकों के परिवार तो आर्थिक संकट में आएगा ही, साथ ही चिकित्सा सेवा गरीब लोग की पहुंच से बाहर हो जाएगी। मुख्य अतिथि ने कहा कि आयुष चिकित्सकों का प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। गरीब जनमानस को और पहाड़ो मे आयुष चिकित्सक वर्षों से अपना योगदान दे रहे हैं। किसी भी चिकित्सक का उत्पीडऩ नहीं होने दिया जाएगा और उनकी मांगों का जल्द ही समाधान किया जाएगा। बैठक में डा. अश्वनी जायसवाल, डा. सुषमा पंवार, डा. एस सिंह, डा. सचिन राजपूत, डा. प्रणव ममगाईं सहित की आयुष, इलेक्ट्रोपैथी व दंत चिकित्सक उपस्थित रहे।