नगर निगम ने लीज पर ली रक्षा भूमि और करवा दिया अतिक्रमण, रक्षा मंत्रालय हुआ सख्त
नगर निगम कोटद्वार (तत्समय नगर पालिका) ने लीज पर ली थी 7.55 एकड़ भूमि, मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार लड़ रहा रक्षा भूमि को छुड़ाने की लड़ाई

Amit Bhatt, Dehradun: सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का नायाब मामला नगर निगम कोटद्वार क्षेत्र में सामने आया है। यहां आम पड़ाव क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय की जिस 7.55 एकड़ भूमि को नगर निगम कोटद्वार (उस समय नगर पालिका) को 27 दिसंबर 1958 को लीज पर दिया गया था, उस पर अतिक्रमण करवा दिया गया है। गंभीर यह कि कोटद्वार नगर निकाय ने 26 दिसंबर 1977 के बाद रक्षा भूमि (डिफेंस लैंड) की लीज का नवीनीकरण भी नहीं करवाया। 7.55 एकड़ भूमि में से 5.07 एकड़ भूमि तो लौटा दी गई, लेकिन शेष 2.48 एकड़ भूमि को अवैध रूप से नजूल घोषित कर दिया गया। जिस पर आज जगह-जगह अतिक्रमण पसरा हुआ है। लीज शर्तों के विरुद्ध की गई इस कार्रवाई के विरोध में मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार के संयोजक पूर्व सैनिक सुनील बहुखंडी लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। रक्षा मंत्रालय से लेकर प्रदेश के सैनिक कल्याण मंत्री और मुख्यमंत्री तक पत्राचार किए जाने के बाद अब रक्षा संपदा कार्यालय देहरादून भी हरकत में आ गया है। रक्षा संपदा अधिकारी विवेक सिंह ने हाल में नगर आयुक्त कोटद्वार को पत्र लिखकर रक्षा भूमि को वापस करने को कहा है।

मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार के संयोजक पूर्व सैनिक सुनील बहुखंडी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा भूमि को बचाने के लिए लैंसडौन के सेंट्रल कमांडेंट ब्रिगेडियर विनोद नेगी से भी मुलाकात की। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय की सक्रियता के बाद अब चौतरफा रक्षा भूमि को अतिक्रमण मुक्त किए जाने का दबाव तेज होने लगा है। मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार के साथ नगर निगम कोटद्वार के अभियंता संबंधित भूमि का स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके हैं। जिसमें अवैध कब्जों की बढ़ती स्थिति भी सामने आई। जमीन पर अवैध रूप से मुस्लिम बस्ती बसाई गई है और इसे अप्रत्याशित डेमोग्राफिक चेंज के रूप में देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि निगम के अभियंता ने भी एक रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है।
यह बात भी सामने आई है कि रक्षा भूमि पर अतिक्रमण को लेकर रक्षा संपदा कार्यालय देहरादून और नगर निगम कोटद्वार के प्रतिनिधियों के मध्य कई दौर की वार्ता की जा चुकी है। रक्षा संपदा कार्यालय सामित्व को लेकर सभी आवश्यक दस्तावेज निगम को दिखा चुके हैं, लेकिन नगर निगम वैध लीज, नजूल या अतिक्रमण कराए जाने और उस पर की गई कार्रवाई को लेकर कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया। इसे में साफ है कि रक्षा भूमि को अधिकारियों की निष्क्रियता और सफेदपोशों की शह पर वोट बैंक की फसल उगाने के लिए अतिक्रमण की भेंट चढ़ाया गया।
रक्षा संपदा कार्यालय देहरादून ने स्पष्ट रूप से कहा है कि या तो नगर निगम कोटद्वार अवशेष 2.48 एकड़ रक्षा भूमि वापस करे या उसके बदले समान मूल्य की भूमि (ईवीएल ) रक्षा विभाग को देना सुनिश्चित करे। वहीं, मिशन सांस्कृतिक कोटद्वार ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने मांग उठाई है कि रक्षा भूमि को शीघ्र अतिक्रमणमुक्त किया जाए और उसका प्रयोग राष्ट्रहित में हो। साथ ही चेतावनी दी गई है कि इस मुद्दे पर पहले चरण में जून माह के दूसरे सप्ताह में कोटद्वार नगर निगम में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया जाएगा। फिर नगर निगम का घेराव कर आंदोलन को तेज किया जाएगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए प्रदेशभर से समर्थन जुटाया जाएगा।