यूसर्क और श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के बीच एमओयू, वैज्ञानिक शिक्षा को मिलेगा विस्तार
Round The Watch: प्रदेश में विज्ञान शिक्षा, अनुसंधान, नवाचार तथा छात्र छात्राओं में वैज्ञानिक अभिवृत्ति के विकास हेतु सूचना, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यरत संस्था उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क), देहरादून तथा प्रदेश के श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, बादशाईथौल, टिहरी द्वारा एमओयू (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए गए। यूसर्क की ओर से यूसर्क निदेशक प्रोफ़ेसर अनीता रावत तथा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी ने समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए।
यूसर्क निदेशक प्रो. (डॉ) अनीता रावत ने बताया कि इस समझौते के आधार पर दोनों संस्थान प्रदेश में विज्ञान शिक्षा एवम वैज्ञानिक अनुसंधानों को स्तरीय बनाने तथा इसके अनुप्रयोगों व लाभों को प्रदेश के अंतिम छोर पर स्थित छात्रों तक पहुंचाने हेतु मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय व यूसर्क द्वारा संचालित 200 से अधिक विज्ञान चेतना केंद्रों में से कम से कम पांच ‘यूसर्क विज्ञान चेतना केंद्रों’ को गोद लेकर उनमें विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों का संचालन करते हुए विद्यालय के छात्र छात्राओं को अपने विश्वविद्यालय से विभिन्न सुविधाएं प्रदान करेगा।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी ने इस अवसर पर कहा कि आज के इस समझौते से जहां विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को यूसर्क की वैज्ञानिक गतिविधियों का भरपूर लाभ मिलेगा, वहीं अन्य छात्र-छात्राऐं भी दोनों संस्थाओं के सम्मिलित प्रयासों से लाभान्वित होंगे।
यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ ओम प्रकाश नौटियाल ने कहा कि दोनों संस्थाओं के बीच का यह समझौता प्रदेश के शैक्षिक एवं वैज्ञानिक विकास में मील का पत्थर सिद्ध होगा।
इस कार्यक्रम में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के डीन साइंस, प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा ने कहा कि इससे विश्वविद्यालय के प्राध्यापक तथा यूसर्क के वैज्ञानिक परस्पर मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधानों हेतु प्रेरित होंगे।
इस अवसर पर प्रोफेसर जीके ढींगरा, यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल, डॉ मंजू सुंदरियाल, डॉ भावतोष शर्मा, डॉ राजेंद्र सिंह राणा, उमेश जोशी, ओम जोशी, राजदीप जंग आदि उपस्थित रहे।