डीएवी कॉलेज की दीवार गिरने से युवती की मौत, नौकरी लगने की खुशी में शिक्षक को मिठाई खिलाने गई थी करनपुर
हाल में कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित हुई चकराता की युवती, भाई को भी आई गंभीर चोटें, छात्रों का हंगामा
Amit Bhatt, Dehradun: डीएवी पीजी कालेज की जो जर्जर दीवार लंबे समय से मरम्मत की बाट जोह रही थी, वह गुरुवार को एक युवती और उसके भाई के ऊपर जा गिरी। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में युवती की जान चली गई, जबकि गंभीर रूप से घायल भाई जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। इस हादसे के बाद छात्रों का गुस्सा कॉलेज प्रशासन पर फूटा। देर रात कालेज के छात्रों ने प्राचार्य डॉ केआर जैन के आवास का घेराव कर दिया। इसके बाद छात्र वहीं पर धरने पर बैठ गए। आधी रात के बाद तक छात्र कालेज प्रशासन की अनदेखी पर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे थे। तनाव की स्थिति को देखते हुए मौके पर पुलिस बल भी तैनात है और छात्रों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से लेकर आर्यन छात्र संगठन और यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके चलते थाना डालनवाला समेत रायपुर थाने के साथ ही आराघर चौकी की पुलिस के साथ पीएसी के जवान भी तैनात कर दिए गए थे।
पुलिस के मुताबिक चकराता क्षेत्र की कोटा तपलाड़ निवासी सुष्मिता तोमर अपने भाई गौरव तोमर के साथ डीएवी कालेज के पिछले गेट के पास से गुजर रहे थे। तभी कालेज की जर्जर चाहरदीवारी का करीब 15 मीटर लंबा और करीब आठ फीट ऊंचा भाग भरभराकर गिर गया। इसकी चपेट में आने से युवती सुष्मिता की मौत हो गई, जबकि युवक रघुवीर को घायल अवस्था में दून अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही छात्र एकत्रित होते गए और देर रात तक कालेज क्षेत्र में बड़ी संख्या में छात्रों का हुजूम उमड़ पड़ा। छात्रों ने प्राचार्य केआर जैन के आवास का भी घेराव कर दिया और उनके मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे। उन्होंने आरोप लगाया की कालेज प्रशासन से लंबे समय से दीवार की मरम्मत की मांग की जा रही थी, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते आज इतना बड़ा हादसा हो गया। वहीं, प्राचार्य डॉ केआर जैन का कहना है कि दीवार से सटे पेड़ों के कटान के लिए छह माह पहले वन विभाग से आग्रह किया गया था, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की। इसके चलते दीवार की मरम्मत नहीं कराई जा सकी। इस घटना का कालेज प्रशासन को गहरा दुःख है और इस घडी में वह पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।