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धोखेबाज के घर के बाहर पुलिस ने बजाया ढोल, पुलिस का ऐसा रूप नहीं देखा

कर्नल जेएस राणा (रिटा) से 85 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर फरार व्यक्ति के डिफेंस कॉलोनी स्थित घर पर ढ़ोल के साथ पहुंची पुलिस, चर्चा में है पुलिस के ढोल बजवाने का वीडियो

Amit Bhatt, Dehradun: पुलिस ने किसी व्यक्ति के डंडे बजा दिए, इस बात पर आपको जरूर यकीन हो जाएगा। पर क्या इस बात पर यकीन हो सकता है कि पुलिस ढोल-नगाड़ों के साथ किसी के घर पर पहुंच जाए। शायद यकीन कर पाना मुश्किल होगा, लेकिन देहरादून पुलिस ने यह नई रीति-नीति शुरू कर दी है। ऐसा धोखेबाज व्यक्तियों के साथ किया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि धोखेबाजों का ढोल बजाना जरूरी है। पुलिस के ढोल बजाने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक डिफेंस कॉलोनी निवासी जसजीत सिंह ने कर्नल जेएस राणा (रिटा) को भूमि विक्रय करने के एवज में उनसे धोखाधड़ी कर 85 लाख रुपये हड़प लिए। इसका मुकदमा नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज किया गया है। लेकिन, आरोपित जसजीत तभी से फरार चल रह है। जसजीत के विरुद्ध कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया है, मगर उसके निरंतर फरार होने के चलते उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पा रही। अब कोर्ट ने उसके घर पर सीआरपीसी की धारा-82 (भगौड़ा होने को लेकर उद्घोषणा) का नोटिस जारी किया है। इस आदेश को आरोपित के घर पर चस्पा के लिए पुलिस नए अंदाज में पहुंची। पहले पुलिस ने आरोपित के अगर के बाहर ढोल-नगाड़े बजवाए और फिर नोटिस चस्पा कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय से प्राप्त नोटिस को दो गवाहों के समक्ष अभियुक्त के मोहल्ले डिफेंस कॉलोनी क्षेत्र में मुनादी भी कराई गई। दौराने मुनादी अभियुक्त जसजीत सिंह को दिनांक 26/10/2023 तक न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने तथा ऐसा न करने पर न्यायालय के आदेशानुसार अग्रिम वैधानिक कार्रवाई करने संबंधी उद्घोषणा की गई।


आरोपित जसजीत के घर पर नोटिस चस्पा करती पुलिस।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह ने सभी थाना प्रभारियों को धोखाधड़ी के अपराधों में लिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में धोखाधड़ी कर फरार चल रहे जसजीत सिंह के घर पर पुलिस ने अंदाज में धमक पड़ी। पुलिस के इस नए अंदाज की खूब चर्चा हो रही है। पुलिस के ऐसा करने के पीछे की मंशा यह है कि भोलेभाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले व्यक्तियों को सामाजिक रूप से भी हतोत्साहित किया जाए।

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