उपलब्धि: पिथौरागढ़-लोहाघाट पारेषण लाइन में प्रदेश का सबसे लंबा स्पान
42 किमी लंबी पारेषण लाइन से मजबूत हुई कुमाऊं की विद्युत व्यवस्था
Amit Bhatt, Dehradun: 82 करोड़ की लागत से तैयार पिथौरागढ़-लोहाघाट पारेषण लाइन से कुमाऊं की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था और सुदृढ़ हो गई है। इसलाइन में प्रदेश का सबसे लंबा स्पान बनाया गया है और आधुनिक इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना है। इस लाइन के ऊर्जीकृत होने से अब चंपावत में ब्रेकडाउन की समस्या नहीं रहेगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही अब पिटकुल ने लोहाघाट बिजलीघर के निर्माण के लिए भी कसरत तेज कर दी है। शीघ्र ही इस कार्य के लिए टेंडर अवार्ड कर दिए जाएंगे।
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी ने बताया कि पिथौरागढ़-लोहाघाट पारेषण लाइन की लंबाई 42 किमी है और लाइन में कुल 158 टावर स्थापित किए गए हैं। उत्तराखंड में पहली बार एक पारेषण लाइन में आधुनिक इंजीनियरिंग के जरिये सबसे लंबा स्पान तैयार किया गया है। पारेषण लाइन के निर्माण में लगभग 82 करोड़ रुपये की लागत आई और सरयू नदी के ऊपर 1274 मीटर का स्पान है। 220/132 केवी लाइन विद्युत उपकेंद्र पिथौरागढ़ (पावरग्रिड) से निकलकर प्रस्तावित 132 केवी उपकेंद्र लोहाघाट (पिटकुल) तक जाती है।
लाइन को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की अनुमति के बाद पिटकुल की ओर से बीते दो जून को 132 केवी पर ऊर्जीकृत किया गया है। पूर्व में चंपावत की विद्युत आपूर्ति उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (उपाकालि ) की ओर से 33 केवी विद्युत लाइन पर की जा रही थी, जोकि जंगल-नदी व दुर्गम क्षेत्रों से गुजर रही थी और ब्रेकडाऊन होने की दशा में विद्युत आपूर्ति सुचारू करने में अत्यधिक समय लगता था। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अनुमोदन के अनुसार प्रस्तावित 132 केवी उपकेंद्र लोहाघाट (पिटकुल ) के निर्माण पूर्ण होने तक उक्त पारेषण लाइन को उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन के उपयोग के लिए 33 केवी विद्युत विभव पर ऊर्जीकृत किया गया है। अब द्वितीय चरण में लोहाघाट बिजलीघर का निर्माण कार्य किया जाएगा। एडीबी वित्त पोषित इस कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी।