पीसीएस अफसर की बढ़ेगी मुश्किल, रजिस्ट्री के अभिलेख गायब करने का मामला
एसआईटी व प्रशासन सक्रिय, डालनवाला में जमीन फर्जीवाड़े में जुड़ा नाम, सब रजिस्ट्रार कार्यालय से बैनामा भी किया गया गायब
Amit Bhatt, Dehradun: डालनवाला में एक व्यक्ति की पुश्तैनी संपत्ति के फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उस पर किसी अन्य का नाम दर्ज करने के मामले में उत्तरखंड में तैनात रहे पीसीएस अफसर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जब यह फर्जीवाड़ा किया गया, तब वह तहसील सदर देहरादून में तहसीलदार थे। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के लिए रिलीव हो गए और कुछ समय बाद ही उपजिलाधिकारी औरेया बन गए। बताया जा रहा है कि अब यह पीसीएस अधिकारी शाहजहांपुर में एडीएम न्यायिक का पदभार संभाल रहे हैं। इस अधिकारी का नाम है राशिद अली और डालनवाला के प्रकरण में इन समेत पांच व्यक्तियों पर फरवरी 2021 में मुकदमा दर्ज है। इस मुकदमे के बाद पीसीएस अफसर पर कोई कार्रवाई तो नहीं की गई, लेकिन ये एडीएम जरूर बन गए हैं। हालांकि, अपर जिलाधिकारी देहरादून और स्टांप विभाग की एसआईटी ने प्रकरण की फाइल खुलवा दी है। जिससे पीसीएस अधिकारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
एसआईटी और एडीएम सक्रिय, खुलेंगी परतें
एसआईटी सदस्य (स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन) अतुल कुमार शर्मा की ओर से उपजिलाधिकारी सदर को भेजे गए पत्र में 14-ए सर्कुलर रोड डालनवाला निवासी डॉ शरत चंद सिंधवानी की पुश्तैनी जमीन के फर्जीवाड़े का जिक्र किया गया है। जिसमें डॉ शरत के शिकायती पात्र के हवाले से कहा गया है कि वर्ष 1956 में डॉ शरत चंद की माता के नाम से भूमि/भवन क्रय किया गया था। जिसका उन्होंने तत्कालीन नगर पालिका देहरादून में अभिलेखों में नामांतरण करा दिया था। यह नाम आज भी रिकार्ड में दर्ज है। हालांकि, किसी कारण से राजस्व अभिलेखों में संपत्ति का नामांतरण नहीं हो सका। कालांतर (वर्ष 2000-01) में तत्कालीन तहसीलदार देहरादून सदर राशिद अली ने इस संपत्ति का नामांतरण किसी महिला जरीना के नाम कर दिया। जिसके विरुद्ध कलेक्टर के समक्ष अपील किए जाने पर नामांतरण रद्द कर दिया गया, लेकिन इसके बाद भी अभिलेखों में शुद्धि नहीं की गई।
दो और व्यक्तियों को बिक चुकी जमीन, कार्रवाई शून्य
एसआईटी की ओर से उपजिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि जरीना ने इस भूमि को किसी अन्य को बेच दिया है और इसके बाद भी भूमि आगे बेच दी गई। इस प्रकर से कई व्यक्ति भूमि पर कब्जा जमा रहे हैं और धमकी भी दे रहे हैं। लिहाजा, उपजिलाधिकारी से अपेक्षा की गई है कि वह राजस्व अभिलेखों में शुद्धि के साथ ही पुलिस की एसआईटी को भी प्रकरण संदर्भित कर सकते हैं।
रजिस्ट्री के रिकार्ड रूम से गायब है डॉ शरत की संपत्ति का बैनामा
डॉ शरत चंद की संपत्ति के मामले में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) रामजी शरण शर्मा ने सहायक महानिरीक्षक निबंधन (एआईजी स्टांप) को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि शरत चंद सिंधवानी की माता स्व. भगवान देवी सिंधवानी की संपत्ति के वर्ष 1956 के बैनामे (डीड ऑफ सेल) को सब रजिस्ट्रार कार्यालय के रिकार्ड रूम से गायब करवा दिया गया है। साथ ही 1500 संख्या वाले इस बैनामे की जगह अन्य गलत अभिलेख दर्ज कर दिए गए हैं। उन्होंने एआईजी को प्रकरण में फॉरेंसिक जांच के साथ ही विभागीय जांच कराने को भी कहा है।