घूसखोर इंजीनियर को 3 साल का कठोर कारावास, 25 हजार जुर्माना भी लगा
सड़क निर्माण के भुगतान में 55 हजार रुपये की घूस मांगने पर विजिलेंस ने किया था रंगे हाथों गिरफ्तार
Amit Bhatt, Dehradun: घूसखोरी के एक अहम मामले में सतर्कता अधिष्ठान उत्तराखंड ने उसे अंजाम तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की है। घूसखोरी में रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए लोनिवि के तत्कालीन सहायक अभियंता को विजिलेंस की मजबूत पैरवी के बूते सजा दिलाई जा सकी है। अपर सेशन न्यायाधीश हल्द्वानी नीलम रात्रा की कोर्ट ने सहायक अभियंता को दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई।
विजिलेंस को 22 जनवरी 2016 को सितारगंज निवासी मो. सिराज की शिकायत मिली थी। जिसके मुताबिक सिराज ने वर्ष 2014-15 में नानकमत्ता डिग्री कालेज से मेन रोड तक सड़क का निर्माण किया था। उनका कुछ भुगतान लंबित था और इसे जारी करने के एवज में निर्माण खंड लोनिवि के सहायक अभियंता चंद्र सिंह रौतेला 55,000 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में सतर्कता सेक्टर हल्द्वानी ने जाल बिछाया और सहायक अभियंता को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
सतर्कता अधिष्ठान अधिकारी दीपारानी की कुशल पैरवी के बल पर और उनके तर्कों से सहमत होते हुए 03 नवंबर 2023 को अपर सेशन जज नीलम रात्रा की कोर्ट ने चंद्र सिंह रौतेला को दोषी करार दे दिया। चंद्र सिंह रौतेला को 03 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में छह माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।
विजिलेंस की जनता से अपील
सतर्कता अधिष्ठान के टोल-फ्री हैल्पलाईन नं. 1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नं. 9456592300 पर 24×7 सम्पर्क कर भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दें।