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राजाजी के अधिकारी पर 10 हजार जुर्माना, निदेशक को हिदायत
आउटसोर्स कर्मचारियों को किए गए भुगतान की अधूरी जानकारी देने पर सूचना आयोग की कार्रवाई
Amit Bhatt, Dehradun: राजाजी टाइगर रिजर्व में आउटसोर्स कर्मचारियों की तैनाती और उन्हें किए गए भुगतान की सूचना देने में अधिकारी कन्नी काटते नजर आते हैं। इस मामले में मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने टाइगर रिजर्व के लोक सूचना अधिकारी/मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही निदेशक को हिदायत दी गई है कि लोक सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी ऐसे वरिष्ठ अधिकारी को दी जाए, जो सूचना सुलभता से उपलब्ध करा सकें। ऐसे कनिष्ठ कार्मिकों को यह दायित्व न दिया जाए, जो सूचना के लिए वरिष्ठ अधिकारियों पर निर्भर हों।
हरिद्वार के ग्राम गाजीवाली निवासी ओमप्रकाश शर्मा ने राजाजी टाइगर रिजर्व से आउटसोर्स कर्मचारियों से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। सूचना का अधिकार का यह आवेदन उन्होंने 26 अक्टूबर 2022 को दाखिल किया था। लोक सूचना अधिकारी/मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने उन्हें वाजिब जानकारी नहीं दी। प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी स्तर से भी उन्हें मांगी गई सूचना नहीं मिल पाई। इसके बाद ओमप्रकाश शर्मा में सूचना आयोग में द्वितीय अपील दायर की।
प्रकरण की सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चंद्र पुनेठा ने अधिकारियों को नोटिस जारी किया तो 10 माह के विलंब के बाद भी आंशिक सूचना ही उपलब्ध कराई गई। जिस पर कड़ा रुख अपनाते हुए आयोग ने लोक सूचना अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। साथ ही उन्हें 15 दिन के भीतर पूरी सूचना देने का आदेश किया गया। मुख्य सूचना आयुक्त पुनेठा ने आदेश की प्रति निदेशक राजाजी टाइगर रिजर्व को भिजवाते हुए कहा कि जुर्माने की राशि लोक सूचना अधिकारी के वेतन से काटकर राजकोष में जमा कराई जाए।