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60 घंटे की तलाश के बाद चीला जलाशय में मिला महिला अधिकारी आलोकी का शव

सोमवार को वन विभाग के इंटरसेप्टर वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान चीला नहर में गिर गईं थी वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी

Amit Bhatt, Dehradun: तीन दिन से ऋषिकेश क्षेत्र की चीला नहर में लापता महिला वन अधिकारी का शव गुरुवार सुबह चीला नहर से बरामद कर लिया गया। वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी का शव चीला हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के पावर हाउस के जलाशय में जाल में फंसा हुआ पाया गया। एसडीआरएफ के जवानों ने शव को जलाशय से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए एम्स भेज दिया है।
चीला रोड पर हादसे से पहले इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल के दौरान वन विभाग के अधिकारी।

सोमवार शाम को ऋषिकेश-चीला रोड पर ट्रायल के दौरान वन विभाग के नया इलेक्ट्रिक इंटरसेप्टर वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।इस दुःखद हादसे में राजाजी की चीला रेंज के वन क्षेत्राधिकारी (रेंजर) शैलेश घिल्डियाल और उप वन क्षेत्राधिकारी (डिप्टी रेंजर) प्रमोद ध्यानी, सैफ अली खान और कुलराज की जान चली गई। दूसरी तरफ सहायक वन संरक्षक/वन्यजीव प्रतिपालक आलोकी चीला शक्ति नहर में गिर गईं। दुर्घटना में राजाजी नेशनल पार्क के पशु चिकित्सक डॉ राकेश नौटियाल, अंकुश व वाहन चला रहे अश्वनी बीजू भी घायल हो गए थे।

 

चीला पावर हाउस के जलाशय से महिला अधिकारी आलोकी का शव बरामद करने को रेस्क्यू के दौरान एसडीआरएफ की टीम।

घटना के बाद से ही लापता वन अधिकारी आलोकी की तलाश शुरू कर दी गई थी। एसडीआरएफ की टीम गोताखोरों की मदद से महिला अधिकारी की तलाश कर रही थी। समय बढ़ने के साथ उनकी मौत की आशंका भी बढ़ती जा रही थी। अब उनका शव बरामद हो जाने के बाद ऑपरेशन तो समाप्त हो गया, लेकिन आखिरी उम्मीद भी मिट गई। इस हादसे ने कुल पांच अधिकारियों और कर्मचारियों की जान ले ली। घटना के तमाम पहलुओं की जांच गतिमान है। जिनके पुख्ता जवाब जांच रिपोर्ट के बाद ही मिल पाएंगे।

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