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जीएसटी ट्रिब्यूनल बिल्डिंग के टेंडर दरकिनार, शासन ने बैठाई जांच

सेंट्रल जीएसटी के आयुक्त की ओर से टेंडर प्रक्रिया निरस्त कर अब मनमाने तरीके से बिल्डिंग के चयन का आरोप

Rajkumar Dhiman, Dehradun: जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की बेंच समेत अन्य कार्यालयों के लिए किराए पर लिए जा रहे भवन के चयन को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि भवन के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे, उन्हें निरस्त करते हुए अब बिना टेंडर बिल्डिंग का चयन किया जा रहा है। इस संबंध में शिकायत प्राप्त होने पर सचिव वित्त विनोद कुमार सुमन की ओर से जिलाधिकारी देहरादून को जांच के लिए कहा गया है।

सचिव वीके सुमन की ओर से जारी किया गया जांच का आदेश।

उत्तराखंड शासन को प्राप्त शिकायत के मुताबिक सीजीएसटी आयुक्तालय देहरादून की तरफ से जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल, सीबीएआईसी और एसजीएसटी के एआर के लिए देहरादून में भवन किराए पर लेने की प्रक्रिया शुरू की। जिसके तहत 18 मई 2024 को भारत सरकार के जेम पोर्टल पर टेंडर आमंत्रित किए गए थे। भवन के लिए 22 हजार 330 वर्गफीट कार्पेट एरिया की आवश्यकता का भी जिक्र किया गया था। जिसमें 10 प्रतिशत तक का विचलन अनुमन्य था। साथ ही भवन के लिए कुछ अन्य विशेषताएं भी तय की गई थीं।

टेंडर में श्री बालाजी होल्डिंग्स हरिद्वार बाईपास रोड, आर्किन एवीआई (संजीव खुराना) 72 सुभाष रोड और ललिता सिंह (ओएसिस मॉल) जोगीवाला ने प्रतिभाग किया। शिकायत के मुताबिक तकनीकी बिड के क्रम में सभी तीनों प्रतिभागी से संबंधित भवनों का परीक्षण किया गया और ललिता सिंह (ओएसिस मॉल) को उपयुक्त पाया गया। आश्चर्य की बात यह रही कि सीजीएसटी आयुक्त ने बिना कारण स्पष्ट किए टेंडर निरस्त कर दिए और बिल्डिंग के चयन के लिए एक नई कमेटी गठित कर दी।

आरोप है कि इसके बाद आर्किन एवीआई सुभाष रोड का प्रस्ताव भेजा गया है। जिसमें काफी कमियां आवश्यक मानकों के क्रम में बताई गई हैं। खासकर भवन की ऊंचाई, कार पार्किंग क्षमता 30 की है। साथ ही कुछ मंजिल को आवासीय उपयोग के लिए अनुमोदित करने के साथ ही कुल क्षेत्रफल 22 हजार 330 वर्गफीट से काफी कम है। इन त्रुटियों के चलते मामले की शिकायत ईसी रोड निवासी सुखविंदर सिंह ने विभिन्न उच्च स्तर के साथ ही जांच एजेंसियों को भेजी है।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि मनचाहे भवन के लिए किराए के उचित प्रमाण पत्र को सीपीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है। जिसे मानक का उल्लंघन बताते हुए कहा गया है कि सीपीडब्ल्यूडी भी उचित अनुमोदन के बिना इस तरह का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकता है। लिहाजा, प्रकरण में विभिन्न स्तर से उचित कार्रवाई की मांग की गई है। ताकि बिल्डिंग का चयन मानकों के अनुरूप किया जा सके।

भवन के लिए यह तय किए गए थे मानक
– दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रैंप
– भवन में लिफ्ट की सुविधा होनी चाहिए
– कोर्ट हॉल की पर्याप्त ऊंचाई (कम से कम 10 फीट) होनी चाहिए
-कार्यालय द्वारा विशेष उपयोग के लिए कम से कम 50 कारों की पार्किंग।
-कंडिशनर कक्षों, कार्य केंद्र, समर्पित लिफ्टों, डीजी बैकअप रैसिलिनी का निर्माण।
-भवन शहर के मध्य क्षेत्र में स्थित हो।
-भवन 05 वर्ष से अधिक पुराना न हो।

इन्हें भेजी गई शिकायत
1.अध्यक्ष सीबीआईसी बोर्ड नई दिल्ली
2. मुख्य अभियंता सीपीडब्ल्यूडी
3. आयुक्त सीजीएसटी देहरादून
4. जिलाधिकारी देहरादून
5.भारत सरकार के वित्त मंत्री एस
6. वित्त मंत्री उत्तराखंड सरकार
7. वित्त सचिव भारत सरकार
8. वित्त सचिव, उत्तराखंड सरकार
9. प्रधान आयुक्त सीजीएसटी मेरठ
10. एसपी सीबीआई देहरादून

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