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एमडीडीए ने एक साथ साधे 02 निशाने, गरीबों के आवास का जिम्मा उठाया, आढ़त बाजार में मुआवजे का अड़ंगा भी दूर

प्राधिकरण की 109वीं बोर्ड बैठक में शहर के हित में अहम प्रस्ताव पास, आढ़त बाजार शिफ्टिंग में आएगी तेजी, ईडब्ल्यूएस से कन्नी काट रहे बिल्डरों का झमेला भी दूर

Rajkumar Dhiman, Dehradun: मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की 109वीं बोर्ड बैठक में शहर के हित में 02 बड़ी योजनाओं की बाधा दूर कर दी गई है। ईडब्ल्यूएस आवास बनाने से कन्नी काटने वाले बिल्डरों से शेल्टर फंड लेकर एमडीडीए स्वयं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए आवास मुहैया कराएगा। दूसरी तरफ शहर के सबसे बड़े बाटलनेक आढ़त बाजार की शिफ्टिंग का जो पेच मुआवजे के फेर में फंसा था, उसे भी एक झटके में दूर कर दिया गया है।

मंगलवार को एमडीडीए सभागार में मंडलायुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक में आढ़त बाजार परियोजना में प्रभावित हो रहे भवन/संपत्ति की मुआवजे की दरों पर मुहर लगा दी गई हैं। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक मुआवजे की दरें बोर्ड से पास हो जाने के बाद अब शीघ्र इसका वितरण कर व्यापारियों को शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। आढ़त बाजार शिफ्टिंग परियोजना में संपत्ति की श्रेणी और सड़क की चौड़ाई के हिसाब से मुआवजे की 06 श्रेणी तय की गई हैं।

दूसरी तरफ दरों पर मुहर से पहले ही पटेलनगर कोतवाली के पास की भूमि पर नए आढ़त बाजार का निर्माण शुरू किया जा चुका है और इस काम में अब और तेजी आएगी। साथ ही मुआवजा बांटने के क्रम में सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक लोनिवि की सड़क को फोरलेन करने की योजना भी गति पकड़ सकेगी।

मुआवजे की यह है दरें
श्रेणी, दर (वर्गमीटर)
ओपन एरिया (आवासीय), 50 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
ओपन एरिया (कमर्शियल), 55 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
कमर्शियल भूमि दर, 55 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
कमर्शियल (निर्माण सहित), 77 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
आवासीय भूमि दर, 50 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)
आवासीय (भवन), 12 हजार रुपए (15 प्रतिशत अतिरिक्त)

सड़क की चौड़ाई 15 मीटर तो अतिरिक्त मिलेगा मुआवजा
आढ़त बाजार शिफ्टिंग की परियोजना में यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि संपत्ति 15 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित है तो उस स्थिति में 15 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा।

नए स्थल पर 35 हजार की दर पर प्लाट
आढ़त बाजार शिफ्टिंग परियोजना में प्रभावित होने वाले कारोबारियों और अन्य व्यक्तियों को अतिरिक्त राहत दी गई है। नए स्थल पर प्लाट का आवंटन मुआवजे के मुकाबले काफी कम दर पर किया जाएगा। यह दर करीब 35 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर तय की गई है।

18 से 24 मीटर होगी सड़क की चौड़ाई
चौड़ीकरण में शामिल सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच की 1.55 किलोमीटर सड़क की अभी औसत चौड़ाई 18 मीटर है। आढ़त बाजर क्षेत्र में यह चौड़ाई और भी कम है। इससे पूरे क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रहती है। एंबुलेंस तक को निकालने का रास्ता नहीं मिल पाता। अब प्रस्ताव के मुताबिक चौड़ाई 24 मीटर हो जाने के बाद जाम की समस्या काफी हद तक दूर की जा सकेगी। लोनिवि प्रांतीय खंड ने चौड़ीकरण कार्य के लिए करीब 28 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की है। हालांकि, मुआवजे के क्रम में अब डीपीआर में भी शीघ्र आवश्यक संशोधन कर इस कार्य में भी तेजी लाई जाएगी।

18 माह तय की गई है परियोजना की अवधि
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक निर्माण नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास की 100 करोड़ रुपए की परियोजना के लिए 18 माह की अवधि तय की गई है। नए स्थल पर वर्तमान में सड़क निर्माण के साथ ही प्रोटेक्शन वाल और मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है।

यह अहम पड़ाव पहले किए जा चुके पार 
-भूमि हस्तांतरण, सर्किल रेट के मुताबिक 222.79 करोड़ रुपये की 7.7493 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित
-भूमि का उपयोग आवासीय व कुछ कृषि है, इसे कमर्शियल करने को 33.41 करोड़ रुपये का शुल्क माफ किया गया
-सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्ट होने वाले कारोबारी व अन्य व्यापारी लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री करेंगे। इसकी रजिस्ट्री में लगने वाले 3.31 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क को भी कैबिनेट ने माफ किया।

नए आढ़त बाजार में चार प्रकार के प्लाट
नए आढ़त बाजार स्थल में 60, 120, 180 व 240 वर्गमीटर के प्लाट तैयार किए जाएंगे। इसी के मुताबिक मुआवजे की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कारोबारी का आढ़त बाजार में 120 वर्गमीटर की जगह थी और वह नए स्थल पर 60 वर्गमीटर की जगह चाह रहा है तो उसे शेष आकार के हिसाब से मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है। इसी तरह आकार में कमी व अधिकता के हिसाब से गणना की गई। शहर के अन्य क्षेत्रों के आढ़ती भी नए बाजार में स्थल आवंटित करा सकते हैं। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ प्लाट खरीद दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।

बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए।

परियोजना के यह भी प्रमुख बिंदु
-आढ़त बाजार में 55 भवन प्रभावित हो रहे हैं।
-301 भवन आढ़त बाजार से इतर चौड़ीकरण परियोजना में आंशिक रूप से प्रभावित होंगे।

शेल्टर फंड में एमडीडीए के पास 71 करोड़ जमा, तेजी से बढ़ेगा कोष
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) की 109वीं बोर्ड बैठक में कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) आवास के लिए शेल्टर फंड के संशोधित शासनादेश को अंगीकृत कर लिया गया है। जिसके तहत ईडब्ल्यूएस आवास न बनाने के बदले जमा होने वाले शेल्टर फंड का प्रयोग एमडीडीए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए आवास बनाने के लिए करेगा। वर्तमान में एमडीडीए के पास शेल्टर फंड में 71 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जमा है। इस राशि में अब नए शासनादेश के बाद और तेजी से बढ़ोतरी होगी।

निजी बिल्डरों को गरीबों के लिए आशियाना बनाने के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए राज्य सरकार तमाम जतन कर चुकी है। इसी दिशा में वर्ष 2017 और 2019 में अलग अलग संशोधन भी किए गए। प्रत्येक आवासीय परियोजना में 15 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आवास बनाने की बाध्यता समाप्त कर इसकी जगह शेल्टर फंड जमा कराने के नियम भी बनाए गए। इससे फंड में कुछ धनराशि तो जमा होने लगी, लेकिन तमाम पेच फिर भी फंसे रहे। क्योंकि, पूर्व के संशोधन में 5000 वर्गमीटर तक के भूखंड के लिए ईडब्ल्यूएस की जगह शेल्टर फंड जमा करने की छूट थी। हालांकि, इससे बड़ी आवासीय परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस आवास बनाने की अनिवार्यता थी।

जिसके चलते बिल्डर कन्नी काट रहे थे। वजह यह कि सालों तक बनने वाली बड़ी परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस आवास का इंतजार भी लंबा हो रहा था। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना में सबके लिए आवास की मंशा भी फलीभूत नहीं हो पा रही थी। लिहाजा, सरकार ने जून माह में शेल्टर फंड योजना में संशोधन करते हुए सभी तरह की परियोजना के लिए ईडब्ल्यूएस आवास बनाने की बाध्यता समाप्त करते हुए शेल्टर फंड का विकल्प खोल दिया था। अब एमडीडीए की मंगलवार की बोर्ड बैठक में इस शासनादेश को अंगीकृत करते हुए तय किया गया है कि फंड की राशि से प्राधिकरण स्वयं ईडब्ल्यूएस आवास तैयार करेगा।

दून यूनिवर्सिटी में अर्बन प्लानिंग का कोर्स होगा शुरू, एमडीडीए देगा 02 करोड़
उत्तराखंड में देहरादून समेत तमाम शहर तेजी से आकार ले रहे हैं। ऐसे में अर्बन प्लानिंग के विशेषज्ञों को जरूरत भी बढ़ रही है। इस दिशा में अर्बन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को अहमदाबाद का रुख करना पड़ता था। अब एमडीडीए के प्रयास से यह कोर्स दून यूनिवर्सिटी में संचालित किया जा सकेगा। एमडीडीए की 109वीं बोर्ड बैठक में कोर्स संचालन के लिए 02 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पास किया गया है। यह राशि दून यूनिवर्सिटी को कोर्स के लिए आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए मुहैया की जाएगी।

एमडीडीए तैयार करेगा लैंड बैंक, आवासीय योजनाएं पकड़ेगी गति
मंगलवार को एमडीडीए सभागार में मंडलायुक्त विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड बैठक में विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। एमडीडीए के विस्तार के बाद जिलेभर में शहरीकरण का फैलाव हो रहा है। लिहाजा, नियोजित तरीके से विकास के लिए एमडीडीए विकासनगर, ढकरानी और शाहपुर कल्याणपुर आदि क्षेत्रों में लैंड बैंक तैयार करेगा। इस प्रस्ताव पर बोर्ड ने सहर्ष मुहर लगा दी। बैठक में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी समेत शासन, जिला प्रशासन, नगर निगम, नगर एवं ग्राम नियोजक विभाग के प्रतिनिधि शामिल रहे।

दून और ऋषिकेश में बहुमंजिला पार्किंग पास
बोर्ड बैठक में दून में गांधी रोड पर पुरानी तहसील की भूमि और ऋषिकेश नगर निगम कार्यालय परिसर में बहुमंजिला पार्किंग के निर्माण को भी स्वीकृति दी गई है। पुरानी तहसील की भूमि पर 1600 वाहनों, जबकि ऋषिकेश में 1200 वाहनों के लिए 10 मंजिला पार्किंग बनाई जानी है। दोनों योजना का कुल बजट 100 करोड़ रुपए होगा।

आमवाला तरला की आवासीय परियोजना का संशोधित बजट पास
एमडीडीए की आमवाला तरला में निर्माणाधीन आवासीय परियोजना का 102 करोड़ रुपए का संशोधित बजट पास कर लिया गया है। इस बजट में 50 करोड़ रुपए प्राधिकरण हुडको से ऋण के रूप में जुटाएगा।

नक्शों से संबंधित 66 प्रकरण रखे गए
एमडीडीए की बोर्ड बैठक में नक्शों/जोनिंग से संबंधित 66 प्रकरण रखे गए। जिसमें होटल, हास्टल, स्कूल आदि के प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

 

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