Dehradun

Dehradun: परिसीमन में शहर के 72 वार्डों के कई मोहल्ले हो रहे इधर से उधर

नगर निगम ने चुनाव से पहले वार्डों के परिसीमन की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी

Amit Bhatt, Dehradun: नगर निगम ने शहर के 100 में से 72 वार्डों की जनसंख्या में आंशिक परिवर्तन करते हुए परिसीमन संबंधी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। अब शासन की ओर से रिपोर्ट का अवलोकन कर आमजन से सप्ताहभर में आपत्तियां मांगी जाएंगी। जिनके निस्तारण के बाद नया परिसीमन लागू कर दिया जाएगा। निगम ने 20 वार्डों को मानकों के अनुरूप बताया और आठ वार्डों में कैंट/पालिका से सटे होने के कारण कोई परिवर्तन नहीं किया जा सका। निगम की रिपोर्ट के अनुसार वार्डों के परिसीमन में कई मोहल्ले इधर से उधर हो सकते हैं। साथ कालोनियों के वार्ड बदलने के साथ विधानसभा क्षेत्र भी बदल सकता है। इस पर विधायक, निवर्तमान पार्षद समेत तमाम नेताओं की बेचैनी बढ़ गई है।

दरअसल, वर्ष 2018 में देहरादून नगर निगम दायरा बढ़ाकर 60 वार्डों को 100 वार्ड तक पहुंचा दिया गया। जिसमें 72 गांव निगम क्षेत्र में मिलाकर 32 नए वार्ड बनाए गए, जबकि, पुराने वार्डों में से ही आबादी के आधार पर भी आठ नए वार्ड बना दिए गए। तब से ही कुछ वार्डों में मानकों से अधिक आबादी और कुछ में कम आबादी है, जिससे कामकाज का असंतुलन बना हुआ है। इसके अलावा विधायक व पार्षद भी अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों व सेवाओं में चुनौती की बात कह चुके हैं। अब करीब आठ माह से नगर निगम का बोर्ड भंग है और हाईकोर्ट की ओर से चुनाव को लेकर दिए जा रहे दिशा-निर्देश के बीच शासन के निर्देश पर देहरादून में परिसीमन को लेकर कसरत शुरू कर दी। हालांकि, नगर निगम के पास वर्ष 2011 की जनगणना को आधार बनाने के अलावा कोई अन्य डाटा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में वार्डों की आबादी को एक-दूसरे में समायोजित कर संतुलन बनाने के लिए पुरानी जनगणना के आधार पर निगम ने नक्शों पर कार्य किया। अब आंशिक परिवर्तन कर परिसीमन को लेकर वार्डों की आबादी की रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है।

50 से अधिक असंतुलित वार्डों की आबादी आठ हजार करने का प्रयास

वर्ष 2018 में किए गए परिसीमन में कई वार्डों में आबादी का असंतुलन रह गया था। मानक के अनुसार वार्डों में आबादी औसत 8000 के सापेक्ष केवल 10 प्रतिशत अधिक या कम हो सकती है। जबकि, दून के किसी वार्ड में आबादी 6000 के करीब तो किसी वार्ड में 12 हजार के आसपास है। ऐसे में सभी वार्डों में आबादी 8000 के आसपास करने के लिए दोबारा परिसीमन की कसरत की गई। निगम की ओर से धरालत पर कार्य शुरू करते हुए 50 से अधिक असंतुलित वार्डों की आबादी को आठ हजार के आसपास करने का प्रयास किया गया।

कई मतदाताओं का विधानसभा क्षेत्र भी हो सकता है परिवर्तित

इस परिसीमन में कुछ वार्डों के मोहल्लों के विधानसभा क्षेत्र भी बदल जाने की संभावना है। सहस्रधारा रोड, चकराता रोड, चंद्रबनी, मोहब्बेवाला, शिमला बाईपास, रिस्पना से हर्रावाला क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं सटी हैं। ऐसे में यहां के कुछ मोहल्ले एक वार्ड से दूसरे वार्ड में जाते ही उनके विधानसभा क्षेत्र भी बदल सकते हैं। हालांकि, इस पर अभी नगर निगम ने स्थिति स्पष्ट नहीं की। लेकिन, विधायकों व निवर्तमान पार्षदों की इस पर नजरें टिकी हैं। साथ ही बीते कुछ दिनों से जनप्रतिनिधि व नेता नगर निगम पहुंचकर स्थिति जानने के लिए अधिकारियों के इर्द-गिर्द भी घूमते रहे।

परिसीमन के बाद वार्डों के आरक्षण पर भी होगी माथा-पच्ची

परिसीमन की रिपोर्ट तैयार किए जाने के बाद अब वार्डों के आरक्षण की भी गणित लगाई जाएगी। आबादी संतुलित करने के लिए वार्डों के मोहल्लों को का जोड़-घटाना करने से कई वार्डों में आरक्षण की स्थिति भी बदल सकती है। सामान्य, ओबीसी, एससी-एसटी आबादी की नई स्थिति के आधार पर ही चुनाव को लेकर वार्डों का आरक्षण तय किया जाएगा। इसके लिए भी अभी से नेता और जनप्रतिनिधि अधिकारियों पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

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