दून की सीमा पर टिहरी की 600 की आबादी ‘कैद’, प्रशासनिक अमला पहुंचा
लालपुल मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त होने के बाद जनजीवन को पटरी पर लाने की चुनौती, 02 दिन के रेस्क्यू में 100 से अधिक पर्यटकों और ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला
Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून के मालदेवता से सटे टिहरी के क्षेत्र में आफत बनकर टूटी बारिश के बीच लालपुल मोटर मार्ग ध्वस्त हो जाने से आसपास के गांवों का संपर्क कट गया है। 19 अगस्त को क्षेत्र में मची तबाही के बाद 02 दिन (20 अगस्त तक) एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 100 से अधिक पर्यटकों और अन्य नागरिकों को सुरक्षित निकाला। अब स्थानीय प्रशासन ने भारी बारिश हुई क्षति के चलते अस्त-व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने का काम शुरू कर दिया है। बुधवार को प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारियों ने मोडाखाल के पास क्षतिग्रस्त लालपुल मोटरमार्ग का निरीक्षण किया।
क्षेत्र के समाजसेवी केशव सिंह रावत के मुताबिक धनोल्टी तहसील के अंतर्गत उपजिलाधिकारी मंजू राजपूत, तहसीलदार राजेंद्र प्रसाद ने अन्य विभागों के अधिकारियों, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ आपदा से हुई क्षति का जायजा लिया। ग्रामीणों की सुविधा का ध्यान रखते हुए उपजिलाधिकारी ने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मार्ग को शीघ्र बहाल किया जाए। निरीक्षण में राजस्व निरीक्षक चतर सिंह चौहान, राजस्व उपनिरीक्षक गिरीश किशोर भट्ट, सब इंस्पेक्टर धीरेंद्र सिंह नेगी, कृषि विभाग से सूरज देव, पुलिस कार्मिक भूपेंद्र आदि शामिल रहे।
600 से अधिक आबादी प्रभावित
देहरादून और टिहरी की सीमा पर भारी बारिश से मची तबाही के चलते सीतापुर, सरखेत, धौलागिरी, शाीलाकाटन, ताछला गांव आदि का संपर्क कट गया है। जिससे 600 से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। इनके कैद होने जैसी नौबत आ गई है। समाजसेवी केशव सिंह का कहना है कि बांदल और सॉन्ग घाटी आपदा के लिहाज से अति संवेदनशील है। इस पूरे क्षेत्र में बार बार घटित होने वाली आपदाओं के मद्देनजर ढांचागत विकास और सड़क संरचनाओं का निर्माण उच्च तकनीक से किए जाने की जरूरत है।