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उत्तराखंड के इस बड़े हिस्से में आज 01 नवंबर को मनाई जाएगी दीपावली

देहरादून समेत गढ़वाल के अधिकांश क्षेत्र में 31 अक्टूबर को मनाई जा चुकी बड़ी दिवाली, कुमाऊं में आज है दीपावली

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी देहरादून समेत गढ़वाल मंडल के अधिकांश क्षेत्रों में बड़ी दीपावली 31 अक्टूबर गुरुवार को मनाई जा चुकी है। लेकिन, उत्तराखंड के बड़े क्षेत्र में शुक्रवार यानी आज बड़ी दीपावली मनाई जाएगी। कुमाऊं मंडल के लगभग सभी क्षेत्रों में बड़ी दीपावली शुक्रवार को मनाई जा रही है। यही कारण है कि राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने शुक्रवार 01 नवंबर को भी सार्वजानिक अवकाश घोषित किया। पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को दोपहर बाद 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू हुई, जो आज 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट तक जारी रहेगी।

यही कारण है कि उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के लगभग सभी क्षेत्रों में दीपावली मनाई जा चुकी है, जबकि कुमाऊं मंडल के बड़े हिस्से में दीपों का उत्सव आज मनाया जा रहा है। यह स्थिति दीपावली के 11 दिन बाद मनाई जाने वाली इगास बग्वाल की तिथि को भी देखने को मिल सकती है। वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ही इगास पर सार्वजानिक अवकाश घोषित किया था।

यह है इगास के पीछे का इतिहास
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बग्वाल (दीपावली) के ठीक 11 दिन बाद इगास मनाने की परंपरा है। दरअसल मान्यता है कि भगवान राम के अयोध्या लौटने की खबर पहाड़ों में 11 दिन बाद पहुंची थी। इसीलिए लोग दीपोत्सव के 11 दिन बाद इगास (बग्वाल) मनाते हैं। इगास में भैलो खेलने की परंपरा है। हालांकि, यह भी माना जाता है कि दीपावली के समय पहाड़ों में लोग खेती में व्यस्त रहते हैं। इसीलिए खेती के काम निपटाने के इगास का त्योहार मनाते हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने पर लोगों ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। गढ़वाल क्षेत्र में राम के लौटने की सूचना दीपावली के 11 दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी को मिली। इसीलिए ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए एकादशी को दीपावली का उत्सव मनाया। दूसरी मान्यता के अनुसार दीपावली के समय गढ़वाल के वीर माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना ने दापाघाट, तिब्बत का युद्ध जीतकर विजय प्राप्त की थी। दीपावली के ठीक ग्यारहवें दिन गढ़वाल सेना अपने घर पहुंची थी। युद्ध जीतने और सैनिकों के घर पहुंचने की खुशी में उस समय दीपावली मनाई थी।

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