हयात इम्पैक्ट या कुछ और, वीकेंड पर 12 बजे तक जाम छलकाने की आजादी छिनी
जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार और रविवार को बार संचालन के लिए दी गई 1 घंटे की अनुमति वापस ली
Rajkumar Dhiman, Dehradun: इसे हयात इम्पैक्ट माना जाएगा या कुछ और…लेकिन दून के बारों में वीकेंड पर रात 12 बजे तक जाम छलकाने की आजादी छीन ली गई है। अब शनिवार और रविवार को भी सामान्य दिनों की भांति ही बार 11 बजे तक खुल सकेंगे। जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए हैं। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने आबकारी मैनुअल के सेक्शन 59 में वर्णित शक्तियों का प्रयोग करते हुए सप्ताह के सातों दिन बार संचालन का समय रात 11 बजे तक सीमित कर दिया है। आबकारी मैनुअल की शक्तियों का प्रयोग किसी जिलाधिकारी ने पहली बार किया है।
गौर करने वाली बात यह भी है कि शनिवार का दिन आबकारी विभाग और इसके अंतर्गत संचालित होने वाली व्यवस्था के लिहाज से बेहद उथलपुथल भरा रहा। जिस फाइव स्टार हयात होटल को मिली बार संचालन की 24 घंटे की अनुमति को निरस्त किया गया। वहीं, दूसरी तरफ जिलाधिकारी सविन बंसल ने वीकेंड पर भी बार का संचालन 11 बजे तक सीमित कर दिया। यही नहीं शनिवार को आबकारी आयुक्त एचसी सेमवाल ने शराब की ओवर रेटिंग पर लगाम न लग पाने पर देहरादूनः के जिला आबकारी अधिकारी कैलाश बिंजोला को मुख्यालय से अटैच कर दिया।
एक ही दिन सामने आए इन आदेश के कई मायने तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि व्यवस्था सुधार के साथ ही यह आदेश क्रिया-प्रतिक्रिया के नियम का हिस्सा भी हो सकते हैं। बेशक, आबकारी आयुक्त सेमवाल ने हयात होटल के बार संचालन की अनुमति को 14 नवंबर को निरस्त कर दिया था, लेकिन इस पर एक्शन शनिवार को नजर आया। आयुक्त के दो दिन पुराने आदेश पर औपचारिक आदेश पारित करने के साथ ही जिलाधिकारी ने एक झटके में सालों पुरानी व्यवस्था को भी बदल डाला।
ओएनजीसी चौक हादसे की वजह भले ही बार की पार्टी नहीं बनी। लेकिन, जिन 06 युवक युवतियों की मौत इनोवा कार हादसे में हुई है, वह घर पर लेट नाइट पार्टी के बाद ही लॉन्ग ड्राइव पर निकलने थे। लेकिन, इसकी जद में दून के बार भी आ गए। क्योंकि, बार, पब, रिसार्ट और होटलों में लेट नाइट पार्टियों के बाद भी शराब का सुरूर तमाम युवाओं के सिर चढ़कर बोलने लगता है और वह सड़कों पर बेलगाम गति से वाहन दौड़ाते मिल जाते हैं।
ऐसे में सख्ती के आदेश जारी किए जाने में कोई गुरेज नहीं हैं। लेकिन, क्या इसे महज संयोग माना जाएगा होटल हयात को दी गई 24 घंटे बार खोलने की अनुमति के सार्वजनिक होते ही आबकारी विभाग और जिला प्रशासन के बीच आदेश जारी करने का एक क्रम तेज होता दिख गया। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि वीकेंड पर 01 घंटे की छूट से वाकई क्या व्यवस्था बदल जाएगी?
क्या एकतरफा बार ही हैं जिम्मेदार?
जिलाधिकारी के आदेश में ओएनजीसी चौक के साथ आशारोड़ी हादसे का जिक्र भी किया गया है। हालांकि, दोनों घटनाओं का आपस में कोई संबंध नहीं है। जिससे पता चलता है कि बारों पर कार्रवाई के लिए प्लॉट तैयार किया गया है। दूसरी तरफ जिलाधिकारी ही होटल हयात को 24 घंटे बार संचालन का लाइसेंस जारी कर देते हैं। ओएनजीसी चौक हादसे के बाद शहर के बारों को समय सीमा दिखाई जाती है, मगर होटल हयात को लेकर कुछ नहीं किया जाता। वैसे प्रशासन को सड़क हादसों को लेकर अब तक का अध्ययन भी सामने रखना चाहिए। ताकि स्पष्ट हो सके कि कितनी जान रात 11 बजे के बाद शराब पीकर वाहन चलाने से सड़क दुर्घटना में गई। यदि इस तरह के आंकड़े जुटाए नहीं गए हैं तो भविष्य में इस तरह की कवायद की जानी चाहिए। यह डेटा मैनेजमेंट का भी हिस्सा है।