750 बीघा भूमि पर कब्जे की डीएम ने शुरू कराई कार्रवाई, 300 बीघा सरकार में निहित
बाहरी व्यक्तियों ने जमीन खरदने के बाद नहीं किया निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप काम, 28 फरवरी तक सभी भूमि सरकार के कब्जे में होगी
Amit Bhatt, Dehradun: जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने जमीनों की खरीद-फरोख्त में मानकों के उल्लंघन पर अपना डंडा चलाना शुरू कर दिया है। बाहरी व्यक्तियों की ओर से खरीदी गई ऐसी करीब 750 बीघा भूमि का पता चला है, जिनमें निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप निर्माण/कार्य नहीं किए गए हैं। इन जमीनों को होटल, रिसोर्ट, कृषि, बागवानी आदि प्रयोजनों के तहत सरकार की अनुमति लेकर खरीदा गया था। जिलाधिकारी बंसल ने ऐसी भूमि को सरकार के पक्ष में कब्जा प्राप्त करने के लिए 28 फरवरी तक की डेडलाइन तय की है। अब तक 300 बीघा से अधिक भूमि सरकार में निहित भी की जा चुकी है।
देहरादून जिले में 281 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जिनमें तमाम व्यक्तियों ने सरकार की अनुमति लेकर निर्धारित प्रयोजन के लिए 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि खरीदी है। हालांकि, इसके बाद निर्धारित प्रयोजन के अनुरूप निर्माण नहीं किया। देहरादून जिले में अनुमति के आधार पर कुल 391 प्रकरणों में 250 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल की भूमि क्रय की गई है। जिसमें 281 मामलों में शर्तों का उल्लंघन पाया गया है। ऐसी भूमि करीब 189 हेक्टेयर (करीब 750 बीघा) है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ऐसे प्रकरणों पर शुरुआत से ही गंभीर दिख रहे हैं। उन्होंने जनवरी में सभी उपजिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी थी कि भूमि खरीद के उल्लंघन के मामलों में 01 माह के भीतर कार्रवाई कर दी जाए। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक सप्ताह कार्रवाई का अपडेट भी देने को कहा गया था। साथ ही कहा था कि इस कार्रवाई में काम के बोझ या अतिरिक्त कार्यों का बहाना नहीं चलेगा। अब इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं। जिलाधिकारी बंसल के अनुसार अब तक करीब 300 बीघा भूमि सरकार में निहित की जा चुकी है।
जिलाधिकारी ने साफ किया कि ऐसे प्रकरणों का निस्तारण फास्ट ट्रेक पर किया जा रहा है। 28 फरवरी तक समस्त भूमि को सरकार में निहित कर कब्जा प्राप्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। लिहाजा, लक्ष्य के अनुसार सभी उपजिलाधिकारी कार्य में तेजी लाएं। इस संबंध में आयोजित बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, उपजिलाधिकारी कालसी गौरी प्रभात, उपजिलाधिकारी मुख्यालय कुमकुम जोशी, उपजिलाधिकारी विकासनगर विनोद कुमार, उपजिलाधिकारी चकराता योगेश मेहरा, उपजिलाधिकारी डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश स्मृति परमार आदि उपस्थित रहे।
दूसरे राज्यों के व्यक्ति जीवनकाल में एक बार खरीद सकता है भूमि
नियमों के अनुसार उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति अपने पूरे जीवनकाल में अपने या परिवार के सदस्यों के नाम पर एक बार 250 वर्गमीटर तक भूमि खरीद सकता है। इससे अधिक भूमि की खरीद पर प्रयोजन बताकर अनुमति लेनी होती है। साथ ही 02 वर्ष के भीतर प्रयोजन के मुताबिक गतिविधि शुरू करनी होती है। लेकिन, बड़ी संख्या में तय प्रयोजन के लिए खरीदी गई भूमि का उल्लंघन पाया गया है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार को जांच कराकर कार्रवाई शुरू करनी पड़ी।
डीएम के सख्त रुख से मची है खलबली
जिलाधिकारी के कड़े रुख से भूमि खरीदने वाले तमाम प्रभावशाली व्यक्तियों में खलबली मची है। कई लोग भूमि को बेचने के तरीके भी खोज रहे हैं। वहीं, कुछ राजस्व अभिलेखों में हेरफेर कराने की जुगत में भी हैं।
काम नहीं आ रहा नोटिस तामील न होने का बहाना
प्रशासन के नोटिस से बचने का बहाना भी काम नहीं आ रहा है। क्योंकि, जिलाधिकारी ने पहले ही साफ कर दिया था कि जो व्यक्ति नहीं मिल रहे हैं और नोटिस तामील होने में अड़चन पैदा हो रही है, उसके लिए अन्य माध्यम तलाशे जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों को समाचार पत्रों के माध्यम से नोटिस की तामीली कराई जा रही है।