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2005 में मर चुके व्यक्ति का वारिस बना भूमाफिया, बेच डाली जमीन, 07 पर मुकदमा दर्ज

जमीन फर्जीवाड़े की परतें उघाड़ने में जुटी है स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की एसआईटी

Amit Bhatt, Dehradun: अरबों रुपए के रजिस्ट्री फर्जीवाड़े के पकड़ में आने के बाद गठित की गई स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) अपना काम निरंतर कर रही है। एसआईटी ने एक और मामला पकड़ा है। जिसमें भूमाफिया गिरोह ने वर्ष 2005 में मृत्यु को प्राप्त हो चुके गाजियाबाद निवासी की विरासत अपने नाम चढ़ाकर दून में स्थित जमीन को बेच डाला। इस मामले में राजपुर पुलिस ने 07 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

एसएसपी को दी गई शिकायत में बिंदु सिंह निवासी केएच-4 कविनगर गाजियाबाद ने बताया कि उनके भाई अरविंद कुमार गौड़ का 08 मार्च 2005 को निधन हो चुका है। अरविंद कुमार आजीवन कुंवारे रहे तथा ब्रह्मचारी का जीवन व्यतीत किया है। इसलिए उनकी कोई संतान भी नहीं है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके भाई ने मौजा खुरावा परवादून में जमीन खरीदी थी। समय-समय पर इस जमीन को भूमाफिया ने कब्जाने का प्रयास किया। एक गिरोह से जुड़े सुशील कुमार गौड़ ने खुद को उनके भाई अरविंद कुमार गौड़ का वारिस बताते हुए 23 मार्च 2024 को विक्रय पत्र तैयार करते हुए सूर्य प्रकाश सोनी निवासी रायपुर रोड को बेच दी। इसका पंजीकरण उपनिबंधक के कार्यालय में दर्ज करा लिया गया।

बताया कि सूर्य प्रकाश सोनी जो कि कूटरचित विक्रय विलेख (सेल डीड) के अभिलेख में क्रेता है, ने महज 05 दिन बाद 28 मार्च 2024 को इसी भूमि का विक्रय अनुबंध पत्र अपने ही एक साथी योगेश कुमार निवासी एफआरआइ कौलागढ़ के नाम दर्ज करा दिया, जो कि उपनिबंधक के कार्यालय में दर्ज है। इसमें इसका साथ राजीव कुमार निवासी ग्राम राबटी, चांदपुर, बिजनौर व दिनेश कुमार निवासी रेसकोर्स, अधोईवाला ने दिया।

शिकायतकर्ता ने बताया कि सुशील कुमार गौड़, सूर्य प्रकाश सोनी, योगेश कुमार, राजीव कुमार, दिनेश कुमार सब भूमाफिया हैं, जिन्होंने गिरोह बनाया हुआ है। दिनेश कुमार व राजीव कुमार के खिलाफ थाना राजपुर में पहले ही मुकदमे दर्ज हैं। यह दोनों जेल में बंद हैं।

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