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देहरादून में शराब की दुकान का लाइसेंस डीएम ने निरस्त किया, क्यों उठाना पड़ा यह कदम?

ग्राम पंचायत क्षेत्र सुद्धोवाला में ग्रामीणों के भारी विरोध और मानकों की अनदेखी पर शराब की मॉडल शॉप पर कार्रवाई

Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून के ग्राम सुद्धोवाला में शराब की जिस मॉडल शॉप का लाइसेंस अक्टूबर 2024 में जारी किया गया था, उसे जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने निरस्त कर दिया है। ‘योर डेली बास्केट डिपार्टमेंटल स्टोर’ नाम ने संचालित की जा रही शराब की मॉडल शॉप को लेकर स्थानीय ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे। विरोध को बढ़ता देख जिलाधिकारी ने न सिर्फ संयुक्त जांच करवाई, बल्कि दोनों पक्षों को वार्ता के लिए भी बुलाया। जनभावना और नियमों के उल्लंघन के अनुरूप जिलाधिकारी ने शराब की दुकान का लाइसेंस निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। जांच में पाया गया था कि शराब की दुकान को गांव के बीच आबादी क्षेत्र में खोला गया है, इसका स्कूल से महज 50 मीटर की दूरी पर होना पाया गया और जो दिशाएं आवेदन के साथ दर्शाई गई थीं, उनमें मौके पर भिन्नता पाई गई।


शराब की मॉडल शॉप का लाइसेंस निरस्त किए जाने से पूर्व दोनों पक्षों की बात सुनते जिलाधिकारी सविन बंसल।

शराब की दुकान का लाइसेंस निरस्त किए जाने के साथ ही जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस संबंध में विस्तृत आदेश भी जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि प्रकरण की पत्रावली की सुनवाई रिट पिटिशन संख्या-3537/2024 (एम.एस.) ग्राम पंचायात सुद्धोवाला व अन्य बनाम उत्तराखंड राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांक 20.12.2024 के अनुपालन में शुरू की गई। उच्च न्यायालय उत्तराखंड, नैनीताल ने अपने उक्त आदेश में जिला मजिस्ट्रेट देहरादून को प्रकरण के निस्तारण का आदेश दिया था। सुनवाई में गुनेश देवी, ग्राम प्रधान सुद्धोवाला, सोनी रावत निवासी सुद्धोवाला, प्रेम सिंह, पंकज गुसांई निवासी सुद्धोबाला तथा राजीव कुमार गोयल, लाइसेंसी (सुद्धोवाला में स्थित Your Daily Basket Departmental Store) देहरादून उपस्थित रहे।

वहीं, विभाग की ओर से जिला आबकारी अधिकारी उपस्थित रहे। पक्षकारों का कथन सुना गया तथा पत्रावली पर उप जिलाधिकारी विकासनगर/जिला आबकारी अधिकारी की संयुक्त रिपोर्ट प्राप्त की गई। शिकायतकर्ताओं ने कहा शराब की दुकान आवासीय क्षेत्र में खोली गई है और इस स्थान पर बच्चों का स्कूल और कुछ दूरी पर मंदिर भी स्थित है। दुकान को गांव के बीच आबादी में खोला गया है, जो स्कूल से 50 मीटर की दूरी पर है। लाईसेंस में दर्शाई गई सीमायें मौके पर भिन्न हैं। दुकान स्वामी ने विभाग को गुमराह कर लाइसेंस प्राप्त किया है। साथ ही दुकान की जानकारी ग्राम पंचायत को नहीं दी गई और उक्त दुकान को मोड़ पर बनाया गया है, जिससे यातायात की आवाजाही में परेशानी भी उत्पन्न हो रही है।

दुकान स्वामी ने पार्किंग की व्यवस्था नहीं की है, जिससे किसी भी समय अप्रिय घटना घट सकती है। ग्राम प्रधान ने कहा कि दुकान स्वामी ने उनको वार्ता के दौरान बताया था कि इस स्थल पर शराब की दुकान नहीं खोलेंगे, जबकि लाईसेंस प्राप्त करने के पश्चात् उनके द्वारा शराब की दुकान को खोला गया है। शिकायत करने वाले पक्ष ने यह भी कहा कि शराब की दुकान से ग्राम सभा का माहौल अत्यधिक खराब हो रहा है और शराब की दुकान में लगातार भीड़ भी बनी रहती है। जिससे ग्रामीण माहौल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ग्राम सभा सुद्धोवाला के आस-पास अन्य शैक्षणिक संस्थान जैसे यूनिवर्सिटी आदि संचालित हो रहे हैं, जिसमें पूरे देश के छात्र-छात्रायें पढ़ने के लिए आते हैं। जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया कि ग्रामीणों द्वारा 105 दिनों से लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है कि शराब की दुकान को बंद किया जाए।

दूसरी तरफ दुकान स्वामी राजीव कुमार गोयल ने दुकान से स्कूल लगभग 161 मीटर है और उनकी दुकान के सम्मुख राकेश भट्ट का घर स्थित है। उन्होंने दुकान का लाइसेंस 25 अक्टूबर 2024 को प्राप्त किया और दुकान का नक्शा नियमानुसार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से कॉमिर्शियल आधार पर पास कराया गया है। दुकान के ऊपर होमस्टे बनाए जाने के लिए आवेदन भी किया गया है। ग्रामीण उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं, जिससे उनके व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उनके द्वारा नियमों के तहत लाईसेंस प्राप्त किया गया है। इसलिए उन्हें निर्बाध एवं शान्तिपूर्ण तरीके से दुकान चलाने दी जाए।

दोनों पक्षों को सुनने के साथ जिलाधिकारी ने इस संबंध में उप जिलाधिकारी विकासनगर एवं जिला आबकारी अधिकारी देहरादून से संयुक्त जांच रिपोर्ट प्राप्त की। 05 फरवरी 2025 की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि स्थल पर व्यक्तियों/महिलाओं द्वारा धरना दिया जा रहा है और वाइन शॉप का विरोध किया जा रहा है। प्रश्नगत वाईन शॉप सुद्धोवाला से भाऊवाला मार्ग पर ग्राउंड फ्लोर पर स्थित है। इसके बगल में चार छोटे-छोटे स्लाइडिंग वाले कमरे बनाये गए हैं। जिन्हें मौजूद कर्मचारी द्वारा थैरेपी केंद्र बताया गया, जबकि ग्रामीण उसे मसाज पार्लर बता रहे हैं। ऊपर प्रथम तल पर होम स्टे चलाया जा रहा है, जिससे संबंधित कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि ग्रामीण उक्त दुकान का विरोध निम्न बिंदुओं पर कर रहे हैं।

(1) जिस स्थान पर वाइन शॉप खोली गयी वह स्थान आवासीय क्षेत्र है।
(2) वाइन शॉप के समीप तीव्र मोड़ है, वाइन शॉप होने के कारण उक्त स्थल पर वाहनों की भीड़ रहती है, जिससे दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
(3) बाईन शॉप के पास अम्बेसिडर स्कूल है, जिसके कारण स्कूल के बच्चों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
(4) सुद्धोवाला चौक पर पूर्व से ही शराब की दुकान खुली हुई है, जिस कारण उक्त वाइ शॉप खोले जाने का कोई औचित्य नहीं है।
(5) वाइन शॉप के ऊपर प्रथम तल पर होमस्टे चलाया जा रहा है, जिसके संबंध में सक्षम विभाग से कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गई है।
(6) वाइन शॉप भूतल पर बनी है, जिसके समीप घर, छोटे-छोटे स्लाइडिंग वाले कमरे बनाए गए हैं, उक्त कमरों में मसाज पार्लर में थैरेपी किए जाने का उल्लेख किया गया है।

पुलिस और एलआईयू की रिपोर्ट का भी संज्ञान
जिलाधिकारी ने प्रकरण में थाना प्रेमनगर से भी रिपोर्ट प्राप्त की। जिसमें स्थल पर पार्किंग के अभाव और विरोध के चलते शांति व्यवस्था भंग होने का अंदेशा जताया गया। इसके अलावा प्रधानाचार्य एम्बेस्डर स्कूल सुद्धोवाला के प्रार्थना पत्र का जिक्र करते हुए कहा गया कि स्कूल के नजदीक शराब की दुकान खुलने से अत्यधिक परेशानी हो रही है और बच्चों की सुरक्षा की चिंता बनी हुई है। दूसरी तरफ एलआईयू की रिपोर्ट में भी ऐसी ही आशंका जताई गई।

जिलाधिकारी ने यह भी पाया कि दुकान को जारी लाइसेंस संख्या 84/2024-25 दिनांक 25-10-2024 में वर्णित दिशाओं में जिसमें पूरब में सुद्धोवाला-भाऊवाला मार्ग, पश्चिम में भूमि निर्मला देवी, उत्तर में 10 फीट चौड़ा रास्ता एवं दक्षिण में संपत्ति प्रेमलाल नौटियाल का उल्लेख किया गया है, जबकि मौके पर दिशाओं में भिन्नता का उल्लेख किया गया है। लिहाजा, जिलाधिकारी सविन बंसल ने आबकारी अधिनियम 1910 की धारा 34 एवं 59 में प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।

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