उत्तराखंड में बिजली महंगी, प्रति यूनिट न्यूनतम 3.65 और अधिकतम 7.80 रुपये हुए दाम, समझें पूरा गणित
ऊर्जा निगम ने यूईआरसी को 12.01 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, जिसे 5.62 प्रतिशत पर सीमित कर दिया गया

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड में एक बार फिर बिजली की दरों में वृद्धि कर दी गई है। प्रदेश में करीब 27 लाख उपभोक्ताओं की बिजली की दरों में औसतन 5.62 प्रतिशत का इजाफा किया गया है। हालांकि, ऊर्जा निगम ने यूईआरसी को 12.01 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, जिसे आधे से भी कम पर सीमित कर दिया गया। यह बढ़ोतरी बीते वर्ष के मुकाबले 1.3 प्रतिशत कम है। बीते वर्ष बिजली दरों में 6.92 प्रतिशत का इजाफा किया गया था। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की बात की जाए तो प्रति यूनिट 25 पैसे से लेकर 45 पैसे बढ़ाए गए हैं। इस तरह बिजली की घरेलू दर अब प्रति यूनिट न्यूनतम 3.65 रुपये से लेकर 7.80 रुपये तक हो गई है। जिसकी गणना प्रतिमाह यूनिट की खपत के हिसाब से की जाएगी।

उत्तराखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (यूईआरसी) के अध्यक्ष एमएल प्रसाद।
शुक्रवार को उत्तराखंड इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (यूईआरसी) के अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने प्रदेश में बिजली दरों में की गई वृद्धि की जानकारी दी। पत्रकारों से रूबरू अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने कहा कि ऊर्जा निगम ने बिजली की दरों में 12.01 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव दिया था। यूपीसीएल द्वारा प्रस्तुत किये गये आंकड़ों के परीक्षणों के आधार पर आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) रु. 11576.05 करोड़ निर्धारित किया गया है। उपरोक्त एआरआर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अंतिम सहीकरण (truing up) के प्रभाव को ध्यान में रखा गया है। आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 15122 एमयू की अनुमानित बिक्री पर मौजूदा टैरिफ पर राजस्व का अनुमान रुपये 10985.39 करोड़ आंकलित किया गया है। जिससे रु० 590.68 करोड़ का राजस्व अंतर शेष रह गया।

उपरोक्तानुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित कुल राजस्व आवश्यकता 11576.05 करोड़ रुपये एवं 15122 एमयू की अनुमानित विक्रय के आधार पर आपूर्ति की औसत लागत रु. 7.66/KWh होती है, जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अनुमोदित आपूर्ति की औसत लागत 7.27/kWh थी। आयोग द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26, वित्तीय वर्ष 2026-27 एवं वित्तीय वर्ष 2027-28 के लिए क्रमशः 12.75%, 12.25% एवं 11.75% वितरण हानि अनुमोदित की गयी। स्वीकृत बिक्री और वितरण हानि पर विचार करते हुए, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल ऊर्जा आवश्यकता 18004 एमयू आंकलित की गयी।
प्रति यूनिट में इजाफा, फिक्स्ड चार्ज यथावत
यूईआरसी के अध्य्क्ष के मुताबिक घरेलू श्रेणी के 01 किलो वाट, 04 किलो वाट और इससे अधिक लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए फिक्स्ड चार्ज (स्थिर प्रभार) में कोई वृद्धि नहीं की है। इसी तरह सिंगल प्वाइंट बल्क सप्लाई वाले उपभोक्ताओं के लिए भी फिक्स्ड चार्ज पूर्व की भांति यथावत रखा गया है। हालांकि, प्रत्येक लोड वाले उपभोक्ताओं को यूनिट की खपत के हिसाब से बढ़ी हुई दर पर भुगतान करना होगा। प्रति यूनिट वृद्धि की बात की जाए तो घरेलू श्रेणी में प्रति माह 100 यूनिट तक प्रति यूनिट 25 पैसे बढ़ाए गए हैं। 101 से 200 यूनिट प्रति माह खर्च करने पर प्रति यूनिट में 35 पैसे, जबकि एक माह में 201 से 400 यूनिट तक बिजली खर्च करने में 45 पैसे यूनिट अतिरिक्त पड़ेंगे और 400 यूनिट से अधिक बिजली फूंकने पर भी आपको प्रति यूनिट 75 पैसे अधिक देने पड़ेंगे। इस तरह घरेलू श्रेणी में एक यूनिट बिजली के दाम में औसतन 0.33 पैसे का इजाफा किया गया है। अब बिजली की औसत दर 6.16 रुपये हो गई है। प्रति यूनिट नई दर 3.65 रुपये से 7.80 रुपये के बीच हो गई है।

सोलर वाटर हीटर पर 75 रुपये प्रति 50 लीटर छूट
नियामक आयोग ने सोलर वाटर हीटर के प्रयोग में बिजली में छूट को 75 रुपये प्रति 50 लीटर निर्धारित किया है। साथ ही डिजिटल मोड से बिल के तुरंत भुगतान पर 1.5 प्रतिशत और अन्य माध्यम से ऑनलाइन भुगतान पर 01 प्रतिशत की छूट तय की है। पूर्व में भी यह प्रावधान लागू थे। आयोग ने यह भी तय किया है कि आपातकालीन ब्रेकडाउन/शटडाउन को छोड़कर निरंतर बिजली आपूर्ति का विकल्प चुनने वालों को निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित कराने को कहा है। अन्यथा ऊर्जा निगम पर कार्रवाई की जाएगी। इसका लाभ सिर्फ चौबीस घंटे संचालित किए जाने वाले उद्योगों को मिलेगा।
ईवी चार्जिंग स्टेशन की औसत दर सर्वाधिक 9.29 प्रतिशत बढ़ी
बिजली की नई दरों के मुताबिक सर्वाधिक औसत वृद्धि ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) चार्जिंग स्टेशन के लिए की गई हैं। 2023-24 में ईवी चार्जिंग स्टेशन का औसत टैरिफ प्रति यूनिट 6.25 पैसे था, इसे बीते वर्ष 2024-25 में 75 पैसे बढ़ाकर 07 रुपये किया गया था। अब वर्ष 2025-26 के लिए इसे 65 पैसे बढ़ाकर 7.65 पैसे प्रति यूनिट/किलोवाट कर दिया गया है। इसके अलावा भी आयोग ने गैर घरेलू से लेकर औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए विभिन्न प्राविधान किए हैं। आयोग की हरी झंडी मिलते ही बिजली की नई दरें लागू कर दी गई हैं।