वीडियो: ऊषा धामी ने तोड़ी बेड़ियां, चाचा की चिता को दी अग्नि, पूरे करेंगी अंतिम संस्कार
देहरादून में पीसीएस की तैयारी कर रहीं ऊषा धामी ने ऋषिकेश में चाचा को दी मुखाग्नि, दुबई में काम कर रहे दो भाइयों के आने में हुए विलंब पर उठाया कदम

Amit Bhatt, Dehradun: ऐसी रूढ़ियों की बेड़ियां तोड़ने में ही समाज की भलाई है, जो लड़का और लड़की में भेद करती हैं। उत्तराखंड के ऋषिकेश में भी एक बेटी ने रूढ़ियों को तोड़कर अपने अविवाहित चाचा की अर्थी को कंधा दिया और उनकी चिता को अग्नि दी। अब वह क्रिया में बैठकर अंतिम संस्कार की बाकी रस्मों को पूरा करेंगी। अच्छी बात यह है कि शुक्रवार को घाट पर ऐसा नजारा देखकर समाज ने भी बिटिया के इस कदम की सराहना की।
यूजेवीएन लि. में टीजी-2 पद पर कार्यरत 58 वर्षीय अर्जुन सिंह बिष्ट की बीते दिन मृत्यु हो गई थी। वह ऋषिकेश में बीरभद्र रोड स्थित हाईडिल की बैराज कालोनी में रहते थे। उन्होंने विवाह नहीं किया था और उनकी देखरेख उनके भाई का परिवार ही करता था। मूल रूप से पिथौरागढ़ निवासी भतीजी ऊषा धामी का चाचा से खासा लगाव था। वह अक्सर ऋषिकेश आकर चाचा अर्जुन सिंह धामी का ख्याल रखती थीं। अभी दो दिन पहले ही ऊषा धामी चाचा से मुलाकात कर देहरादून लौटी थीं कि तभी अचानक उनका देहांत हो गया।
ऊषा के परिवार ने यह सूचना अपने पिथौरागढ़ (धारचूला) स्थिति पैतृक गांव में रह रहे परिजनों को दी। साथ ही भतीजी ऊषा ने दुबई में काम कर रहे अपने भाइयों रंजीत सिंह और मयंक सिंह धामी को भी तत्काल ऋषिकेश आने को कहा। हालांकि, उनके आने में हो रहे विलंब को देखते हुए भतीजी ऊषा धामी ने इंतजार नहीं किया और चाचा के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी खुद उठाने का निर्णय लिया। ऊषा धामी ने कहा कि अब चूंकि उसने ही चिता को अग्नि दी है तो क्रिया में बैठने से लेकर पैतृक निवास पर बाकी के रीति-रिवाज भी वही पूरे करेंगी।
