Uttarakhandआपदा प्रबंधन

बिग ब्रेकिंग: केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 07 की मौत

संभवतः खराब मौसम बना कारण, रडार से संपर्क टूटा और फिर आई क्रैश होने की दुःखद सूचना, इस यात्रा काल में इमरजेंसी लैंडिंग समेत क्रैश की यह 05वीं घटना, हेलिकॉप्टर में 01 बच्चा भी था

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम क्षेत्र से बेहद दुखद घटना सामने आई है। यहां गौरीकुंड क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। जिसमें पायलट समेत 07 यात्रियों की मौत हो गई। हेलीकॉप्टर में पायलट के अलावा 05 यात्रियों के साथ एक 23 माह का बच्चा भी था। एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। इस यात्रा सीजन में क्रैश लैंडिंग समेत क्रैश की यह 05वीं घटना है। इससे पहले 08 मई को उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर क्रैश में 06 यात्रियों की जान चली गई थी।

बताया जा रहा है कि आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने रविवार सुबह 05 बजकर 30 मिनट पर 05 यात्रियों और एक 23 माह के बच्चे को लेकर केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी थी। कुछ ही देर बाद गौरीकुंड के वन क्षेत्र में रडार से संपर्क टूट गए। हेलीकॉप्टर के इस तरह गायब होने के बाद से ही अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। कुछ ही पल में यह खबर आई कि हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। जमीन से टकराने के बाद हेलीकॉप्टर में आग की लपटें भी देखी गईं।

हादसे की सूचना जंगल की तरफ घास काट रहीं कुछ महिलाओं ने दी। जिसके बाद आपदा प्रबंधन केंद्र सक्रिय हुआ। अभी क्रैश के पीछे की असल वजह सामने नहीं आ पाई है। उत्तराखंड सिविल एविएशन अथॉरिटी (यूकाडा) की सीईओ सोनिका के अनुसार डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को सूचित किया गया है। जांच के बाद भी यह साफ हो पाएगा कि हादसा किन कारणों से हुआ। वहीं, चराधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर की बढ़ती दुर्घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं। डगमगाते हेलीकॉप्टर से यात्रियों का विश्वास भी डगमगा रहा है।

इससे पहले केदारनाथ क्षेत्र के ही गौरीकुंड हाइवे पर केस्ट्रल कंपनी के हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग करानी पड़ गई थी। गनीमत रही कि हेलीकॉप्टर में 05 यात्रियों की जान बच गई। 17 मई को ऋषिकेश एम्स की एयर एंबुलेंस की भी केदारनाथ धाम के पास इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। लेकिन, इसी सीजन में 08 मई को उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर क्रैश में 06 यात्रियों की जान चली गई।

बीते वर्ष मई 2024 में भी केदारनाथ क्षेत्र में केस्ट्रल कंपनी का ही एक हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के दौरान डगमगा गया था। पायलट की सूझबूझ से तब इमरजेंसी लैंडिंग हो गई थी, लेकिन तब भी हेलीकॉप्टर का पिछले हिस्सा जमीन से टकरा गया था। उस समय हेलीकॉप्टर में 06 यात्री सवार थे। उत्तराखंड में पहले भी इस तरह की दुर्घटनाएं पहले भी समाने आई हैं।

अप्रैल 2023 में केस्ट्रेल एविएशन कंपनी के हेलीकॉप्टर के टेल रोटर ब्लेड से यूकाडा के अफसर की जान गई थी। अक्टूबर 2022 में केदारघाटी में गुजरात और तमिलनाडु के तीर्थ यात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। जिसमें 07 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी। वर्ष 2022 से पहले भी केदार घाटी में 12 साल के अंतराल में 07 बार हेलीकॉप्टर क्रैश की घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें केदारनाथ आपदा के दौरान सेना और आईटीबीपी के 20 जवान रेस्क्यू के दौरान (25 जून 2013) एमआई-17 क्रैश में शहीद हो गए थे।

केदार आपदा के दौरान ही केदारनाथ से 02 किलोमीटर दूर जंगलचट्टी में एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर क्रैश होने से पायलट, को-पायलट समेत 03 की मौत हो गई थी। 19 जून को भी रेस्क्यू के दौरान जंगलचट्टी के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, गनीमत थी कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई। कुल मिलाकर उत्तराखंड जैसे विषम भूगोल में हेलीकॉप्टर सेवाओं को लेकर सुरक्षा मानक और कड़े किए जाने की जरूरत महसूस होने लगी है।

इनकी हुई मृत्यु
1.विक्रम, निवासी ग्राम रांसी, तहसील ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग, उम्र 46 वर्ष
2.विनोद देवी, निवासी सिविल लाइंस बिजनौर, उत्तर प्रदेश, उम्र 66 वर्ष
3.तुष्टि सिंह, निवासी सिविल लाइंस बिजनौर, उम्र 19 वर्ष
4.राजकुमार जयसवाल, निवासी बाबी नंदेवरा रोड, साईं मंदिर, महाराष्ट्र, उम्र 41 वर्ष
5.श्रद्धा जयसवाल, निवासी बाबी नंदेवरा रोड, साईं मंदिर, महाराष्ट्र, उम्र 35 वर्ष
6.काशी, निवासी बाबी नंदेवरा रोड, साईं मंदिर, महाराष्ट्र, उम्र 23 माह
7.कैप्टन राजीव (पायलट)

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