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उत्तराखंड में बॉन्ड उल्लंघन पर सरकार सख्त: गैरहाजिर डॉक्टरों पर होगी कड़ी कार्रवाई

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह ने गायब चिकित्सकों की सूची दो सप्ताह में तैयार करने के निर्देश, 222 नए चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड सरकार अब बॉन्डधारी डॉक्टरों की मनमानी पर लगाम लगाने के मूड में है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि जो डॉक्टर बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं और लंबे समय से बिना सूचना के सेवा से गायब हैं, उनके खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दो सप्ताह के भीतर ऐसे सभी डॉक्टरों की सूची तैयार कर शासन को भेजी जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे डॉक्टरों से बॉन्ड में तय शर्तों के अनुसार धनराशि की वसूली की जाएगी और उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।

मंत्री डॉ. रावत ने कहा, “राजकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्र बॉन्ड पर हस्ताक्षर कर पर्वतीय क्षेत्रों में तीन से पांच वर्षों तक सेवा देने के लिए बाध्य होते हैं, ताकि दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। लेकिन कुछ डॉक्टर अनुशासनहीनता और गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए गायब हो जाते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

बैठक में मंत्री ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से चयनित 222 नए चिकित्सकों को शीघ्र नियुक्ति देने के निर्देश दिए। साथ ही विभाग में रिक्त चल रहे चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी और एएनएम के 616 पदों को शीघ्र भरने हेतु अधियाचन तैयार कर चयन बोर्ड को भेजने के भी आदेश दिए गए। इनमें 169 चिकित्सक, 267 नर्सिंग अधिकारी और 180 एएनएम के पद शामिल हैं। तकनीकी संवर्ग के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया भी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए।

यह निर्णय प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी के चलते अक्सर मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सरकार की यह सख्ती उन डॉक्टरों के लिए चेतावनी है जो सेवा शर्तों को नज़रअंदाज़ कर राज्य हित को हानि पहुंचा रहे हैं।

बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत जौहरी और डॉ. अनिल नेगी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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