12 करोड़ की एमडीएमए ड्रग पहुंचने वाली थी मुंबई, उत्तराखंड में फैक्ट्री का भंडाफोड़
उत्तराखंड एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और नानकमत्ता पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मुख्य सरगना कुणाल कोहली गिरफ्तार

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने ऐसे ड्रग गठजोड़ का भंडाफोड़ किया है, जिसके तार मुंबई से लेकर भारत के विभिन्न राज्यों और नेपाल तक फैले थे। एएनटीएफ ने नानकमत्ता और अन्य स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त आपरेशन चलाते हुए एमडीएमए ड्रग बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश कर मुख्य सरगना कुणाल कोहली को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने सरगना की निशानदेही पर ड्रग बनाने के लिए एकत्रित किए गए प्रतिबंधित श्रेणी के केमिकल्स भी भारी मात्रा में बरामद किए हैं। जिनसे 12 करोड़ रुपए की ड्रग बनाई जानी थी। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम को 01 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है।
मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बताया कि इस कार्रवाई को एसटीएफ की एएनटीएफ कुमाऊं यूनिट के साथ जनपद पिथौरागढ़, चंपावत और ऊधम सिंह नगर पुलिस की संयुक्त टीमों ने अंजाम दिया। जिसके लिए पुलिस टीम को 01 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ड्रग्स फ्री देवभूमि की दिशा में यह बड़ा कदम है। वहीं, एसएसपी एसटीएफ भुल्लर के अनुसार महाराष्ट्र राज्य के ठाणे जनपद में 31 मई 2025 को 02 व्यक्त्यिों को 11 ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया गया था। जिनसे पता चला था कि उत्तराखंड-नेपाल बार्डर से पिथौरागढ के थल क्षेत्र में मोनू गुप्ता एवं कुणाल कोहली ने एमडीएमए फैक्ट्री लगाई गई है।

जहां पर एमडीएमए ड्रग्स को तैयार कर मुंबई समेत अलग- अलग राज्यों में सप्लाई किया जाता है। इस सूचना पर 26 जून 2025 को ठाणे पुलिस ने थाना थल, जनपद पिथौरागढ़ पुलिस के साथ एक पॉल्ट्री फार्म पर छापा मारकर प्रिकर्सर केमिकल्स (रॉ मटीरियल ) बरामद किया। लेकिन, किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। हालांकि, जून के अंतिम सप्ताह में ठाणे पुलिस ने पलीया नेपाल बार्डर से मोनू गुप्ता को 02 साथियों भीम यादव व अमन कोहली के साथ किया। फिर भी मुख्य सरगना कुणाल कोहली हत्थे नहीं चढ़ा और अपने साथी राहुल और विक्रम के साथ नेपाल फरार हो गया।
राहुल की पत्नी उत्तराखंड पुलिस के हत्थे चढ़ी तो कसा शिकंजा
11 जुलाई 2025 को चंपावत पुलिस ने अभियुक्त राहुल की पत्नी ईशा को 05 किलो 688 ग्राम एमडीएमए के साथ गिरफ्तार किया था। जिससे पता चला कि इस एमडीएमए को इन्हीं अभियुक्तों ने तैयार किया था। अभियुक्त राहुल को भी चंपावत पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली थी। जबकि, मुख्य सरगना को पकड़ने के लिए एसटीएफ के साथ मिलकर वृहद प्लान तैयार किया जाने लगा था। एसटीएफ के अधिकारीगण लगातार एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो, नेपाल पुलिस के अधिकारियों के संपर्क में थे। जिनके द्वारा तकनीकी एवं मैनुअल सूचनाएं लगातार साझा की जा रही थी। जिसके फलस्वरूप 14 जुलाई 2025 को मुख्य अभियुक्त कुणाल कोहली को एसटीएफ टीम ने नानकमत्ता पुलिस टीम के साथ थाना नानकमत्ता क्षेत्र से गिरफ्तार किया।
मुख्य सरगना मिला तो 12 करोड़ की ड्रग बनाने का प्रतिबंधित केमिकल भी किया बरामद
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि कुणाल कोहली थाना बनबसा के मु.अ.स. 67/2025 के अतिरिक्त महाराष्ट्र के पुलिस स्टेशन कासारवडवली, जिला ठाणे के मु.अ.सं. 544/2025 तथा मुंबई क्राईम ब्रांच की यूनिट डी-2 से मु.अ.सं. 60/2024 (सभी धारा अंतर्गत 29/21/8सी एनडीपीएस एक्ट) में वांछित फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी से सभी ने राहत की सांस ली। साथ ही उसकी निशानदेही पर एमडीएमए बनाने में प्रयुक्त होने वाले 06 किलो केमिकल को भी बरामद कर लिया गया। जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार के हिसाब से 12
करोड़ रुपए की ड्रग बनाई जाती।
एमडीएमए एवं प्रिकर्सर केमिकल्स की बरामदगी का विवरण
1. एमडीएमए 7.41 ग्राम (अभियुक्त कुणाल के पास से)
प्रिकर्सर कैमिकल (रॉ मैटेरियल)
1. Dichloromethane (Methylene Chloride) 23 बोतलें × 2.5 लीटर = 57.5 लीटर
2. Acetone for synthesis 8 बोतलें × 2.5 लीटर = 20 लीटर
3. Hydrochloric Acid (HCL 36.46) 19 बोतलें × 2.5 लीटर = 47.5 लीटर
4. Methylamine Solution 1 बोतल × 500 मिलीलीटर = 0.5 लीटर
5. Sodium Hydroxide (Pellets Purified) 56 बॉक्स × 500 ग्राम = 28 किलो
कुणाल ने गिरोह किया तैयार, मुर्गी फार्म की आड़ में खोली ड्रग फैक्ट्री
अभियुक्त द्वारा बताया गया कि नाला सुपारा, मुंबई में रहने वाले भीम यादव मोनू उर्फ ओम गुप्ता, बल्ली राम गुप्ता, नवीन नेपाली से मुलाकात उसकी मुंबई में मुलाकात हुई थी। पिछले वर्ष जब मोनु गुप्ता तथा भीम यादव के विरूद्ध मुम्बई में नारकोटिक्स एक्ट में केस हुआ था तो वह इन लोगों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए अपने साथ टनकपुर गैंडा खाली स्थित घर ले आया था। उसी दौरान कुणाल की मुलाकात टनकपुर में नरेश शकरी व रोशन कोहली से हुई। नरेश शकारी का घर गैंडाखाली में एकांत स्थान पर था तो सभी ने आपस में योजना बनाई कि यहां पर एमडीएमए ड्रग्स को बना सकते हैं। सभी यहां पर बीते साल जून-जुलाई माह से रह रहे थे।
मोनू गुप्ता ने पहले बनारस में ड्रग्स बनाने की फैक्टी लगाई थी, लेकिन यूपी पुलिस ने वहां छापा मार दिया था। लिहाजा, अब यहीं पर ड्रग्स बनाई जाने लगी। पहली बार कुणाल ड्रग्स बनाने के लिए बनारस से ही केमिकल लाया था। जब 03-04 किलो माल तैयार हो जाता था, तब बल्ली राम गुप्ता माल को लेकर मुंबई चला जाता था। एक बार जब बल्ली राम गुप्ता मुंबई माल लेकर गया था तो वहां उसे पुलिस ने पकड़ लिया था।
इसकी सूचना सभी को मिल गई थी और फिर गैंडाखाली से फैक्ट्री हटा ली थी। इसके बाद नया सुरक्षित स्थान चाहिए था तो पिथौरागढ़ के थल से आगे सुवालेख में एक फार्म किराए पर लेकर मुर्गी फार्म खोल लिया था तथा उसी की आड़ में एमडीएमए बनाने लगे। वहां कुणाल ने गिरोह के साथ मिलकर करीब 5-6 किलो ड्रग्स तैयार कर लिया था।इस माल को मोनु गुप्ता, भीम यादव, राहुल अपने साथ बनबसा ले आए थे। माल को राहुल के घर पर छुपा दिया था।
बल्ली राम गुप्ता पहले ही मुंबई में जेल चला गया था तो इस माल को बेचने के लिए आरोपियों को सही पार्टी नहीं मिल पा रही थी। दिनांक 27.06.2025 को जब पिथौरागढ़ वाली फैक्ट्री पर मुंबई पुलिस का छापा पड़ा और केमिकल व उपकरण पकड़े गए तो सभी ने बनबसा से अलग-अलग गाड़ियों से नेपाल भागने का प्लान बनाया। कुणाल और राहुल एक कार से बनबसा बार्डर से नेपाल चले गए, जबकि मोनू गुप्ता, भीम यादव व अमर कोहली पलिया बार्डर के रास्ते नेपाल जाने वाले जाते समय मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
राहुल और उसकी पत्नी भी पकड़ी गई तो केमिकल फेंकने की थी योजना
दिनांक 12.07.2025 को जब बनबसा पुलिस ने राहुल की पत्नी को गिरफ्तार कर कुणाल के गिरोह की एमडीएमए ड्रग उससे बरामद की तो डर बढ़ गया था। जिसके बाद गैंडाखाली वाला जो केमिकल बचा हुआ था, 13 जुलाई 2025 की रात्रि में कुणाल ने चंपावत से निकालकर नानकमत्ता डैम के पास एक खाली कमरे में रख दिया था। जब कुणाल को पता चला कि राहुल भी पकडा जा चुका है तो वह इस माल को बांध/डैम में फेंकने जा रहा था, लेकिन घात लगाकर बैठी पुलिस ने उसे दबोच लिया।
मुख्य सरगना की निशानदेही पर बरामद किए गए समस्त प्रिकर्सर केमिकल NDPS ACT के अंतर्गत प्रतिबंधित केमिकल की श्रेणी में आते हैं, जिनका बिना वैध लाइसेंस क्रय-विक्रय एवं परिवहन करना गैर कानूनी है। जांच में पता चला है कि इन केमिकल्स को बनारस, गाजियाबाद और ठाणे की कंपनियों से प्राप्त किया जा रहा था। अब संबंधित कंपनियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।
दीपम सेठ, पुलिस महानिदेशक (उत्तराखंड)