
Amit Bhatt, Dehradun: भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में वन मंत्री रहते हुए विवादों में घिरे हरक सिंह रावत पर अब ईडी ने सहसपुर में 70 करोड़ रुपये की जमीन के फर्जीवाड़े में भी कार्रवाई तेज कर ली है। ईडी की देहरादून शाखा ने पीएमएलए कोर्ट (विशेष न्यायालय) में संबंधित मामले में हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी दीप्ति रावत, करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा और श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के विरुद्ध अभियोजन शिकायत/चार्जशीट दाखिल की है। हरक सिंह रावत अब भाजपा का दामन छोड़कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
ईडी से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के करीबी बीरेंद्र सिंह कंडारी, स्व. सुशीला रानी आदि ने हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक साजिश करते हुए सहसपुर स्थित प्रश्नगत जमीन की 02 पवार ऑफ अटॉर्नी पंजीकृत कराई। हालांकि, कोर्ट ने संबंधित भूमि के विक्रय विलेख रद्द कर दिए थे। बावजूद इसके भूमि को अवैध रूप से हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और उनकी करीबी लक्ष्मी राणा को बेचा जाना दिखाया गया। इस भूमि पर दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का संचालन किया जाता है। जिसका प्रबंधन हरक सिंह के पुत्र तुषित संभालते हैं।
इंस्टीट्यूट की 101 बीघा भूमि को जनवरी 2025 में अटैच किए जाने के बाद अब चार्जशीट दाखिल कर दिए जाने से हरक सिंह रावत की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। कार्बेट में अवैध पेड़ कटान और करोड़ों रुपये के अनाधिकृत निर्माण के मामले में वह पहले ही ईडी के साथ सीबीआई की कार्रवाई की जद में हैं। इस मामले में तमाम वरिष्ठ वनाधिकारी भी आरोपी हैं और किशन चंद और बृज बिहारी शर्मा जैसे वनाधिकारियों, उनके परिजनों की करोड़ों संपत्ति को कुर्क करने के साथ ही अनंतिम रूप से अटैच भी किया जा चुका है।