2 साल से फाइल दबाकर बैठा था कानूनगो, डीएम ने कर दिया सस्पेंड
तहसीलदार और एसडीएम की भी नहीं सुनी, कारण बताओ नोटिस पर चुप्पी, अब जिलाधिकारी सविन बंसल ने सिखाया सबक

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी दून में लेखपाल और राजस्व निरीक्षकों (कानूनगो) की हनक के किस्से से अपने सुने ही होंगे। निचली पायदान के कार्मिक होने के बाद भी ये न सिर्फ कार में चलते हैं, बल्कि इनके अपने निजी कर्मचारी भी तैनात रहते हैं। राजधानी में सोना उगलने वाली जमीनों पर मनमाफिक कलम चलाकर इनकी चमड़ी इतनी मोटी हो चुकी है कि ये तहसीलदार और एसडीएम को भी कुछ नहीं समझ रहे। एक राजस्व निरीक्षक तो 02 साल से एक फाइल को दबाकर इस कदर बैठे थे कि स्वयं डीएम सविन बंसल को ही इन्हें सीट से उठाना पड़ा। अब महाशय राजस्व निरीक्षक राहुल देव को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है और तहसील ऋषिकेश से अटैच किया गया है।
गांधी रोड निवासी रवींद्र सिंह ने 21 जुलाई को जनसुनवाई में उनके पिता नरेंद्र सिंह आदि बनाम कुंदन सिंह में पारित आदेश को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया था कि आदेश के अनुसार मौजा चक अजबपुर कलां में नए बंदोबस्ती मानचित्र में उन्हें खसरा नंबर 182 में (पुराना खसरा नंबर 78/1) पूर्ण भाग प्रदान किया गया था। इसी के अनुसार परवाना अमलदरामद (आधिकारिक अनुमति या राजस्व आदेश दर्ज करना) जारी कर बंदोबस्ती मानचित्र और राजस्व अभिलेखों को शुद्ध किया जाना था। यह पत्रावली राजस्व निरीक्षक माजरा के रूप में राहुल देव को दिसंबर 2023 में दी गई थी। जिस पर अब तक भी न तो कार्यवाही की गई और न ही कोई आख्या उपलब्ध कराई गई।
आदेश के पालन को लेकर तहसीलदार ने कई बार निर्देश दिए और कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। वहीं, दिसंबर 2024 को अपर उपजिलाधिकारी सदर ने चेतावनी जारी कर लंबित कार्यों को अविलंब पूर्ण करने के निर्देश दिए। दूसरी तरफ जिलाधिकारी कोर्ट में गतिमान एक वाद में जनवरी 2025 में राहुल देव जांच आख्या मांगी गई थी। लेकिन, यहां भी उन्होंने आदेश का पालन नहीं किया। अब ताजा शिकायत के क्रम में जिलाधिकारी बंसल तक राजस्व कानूनगो की हीलाहवाली की फेहरिस्त पहुंची तो उन्होंने इसे अक्षम्य करार दिया। राजस्व निरीक्षक राहुल देव को निलंबित करने के साथ ही उपजिलाधिकारी सदर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच रिपोर्ट 15 दिन के भीतर तलब की गई है।