कुदरत की क्रूरता: 04 बहनों से छीना मां का आंचल, अभिभावक की भूमिका में डीएम ने भविष्य के अंधकार को दिखाई किरण
बड़ी बहन सरिता की गुहार पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने छोटी बहनों का कराया स्कूल में दाखिला

Amit Bhatt, Dehradun: जिन अबोध बच्चियों को मां के आंचल की छांव की जरूरत थी, उन पर कुदरत ने ऐसी क्रूरता दिखाई कि उनके सिर से मां का साया ही छीन लिया। 04 बेटियों की मां के डूबने से हुई मौत के बाद उनके जीवन पर अंधकार छा गया था। क्योंकि, पिता कुछ भी काम नहीं करते हैं। ऐसे में बिन मां की बेटियों की पढ़ाई तो छूटी ही, उनका जीवन भी अधर में नजर आने लगा। बड़ी बहन सरिता के कंधे पर ही छोटी बहनों की जिम्मेदारी आ गई। वह हताश स्थिति में जिलाधिकारी सविन बंसल के पास गुहार लेकर पहुंचीं तो उम्मीद से बढ़कर प्रशासन ने मदद का हाथ बढ़ाया।

एक अभिभावक की भूमिका में जिलाधिकारी बंसल ने तपोवन निवासी सरिता की समस्या को गंभीरता से सुना और उनकी तीनों बहनों की शिक्षा का जिम्मा उठाया। जिलाधिकारी के निर्देश पर सरिता की तीनों बहनों का राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाडपुर में दाखिला करा दिया गया है। उन्हें आवश्यक शिक्षण सामग्री, यूनिफार्म आदि भी मुहैया करा दी गई है।
हालांकि, सरिता अपनी तीन बहनों का भरण पोषण कैसे कर सकेगी, यह सवाल अपनी जगह कायम था। लिहाजा, जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को निर्देश दिए कि सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण से जोड़कर सेवायोजित किया जाए। इस दिशा में भी आवश्यक औपचारिकता पूरी की जा चुकी है।
जल्द ही सरिता प्रशिक्षण प्राप्त कर रोजगार से जुड़ जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा ही असल मायने में बच्चों का भविष्य संवार सकती है। इसलिए प्रत्येक बेटी को पढ़ाने का लक्ष्य जिला प्रशासन हर हाल में पूरा करेगा। इससे पहले भी जिलाधिकारी तमाम बेटियों की उम्मीद की किरण बन उनके बेहतर भविष्य की राह प्रशस्त कर चुके हैं।