उत्तराखंड में करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में 17 कॉलेज पर जल्द एसआइटी का एक्शन
देहरादून समेत पांच जिलों के नामी संस्थान की उल्टी गिनती शुरू, तीन दिन में बड़ी कार्रवाई

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में बहुचर्चित करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले पर अब शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाओं में हुए बड़े फर्जीवाड़े को लेकर गठित विशेष अन्वेषण दल (एसआइटी) ने पांच जिलों की पुलिस को तीन दिन के भीतर अपनी-अपनी रिपोर्ट सौंपने के कड़े निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही नामी शैक्षणिक संस्थानों की मान्यता रद्द हो सकती है और धोखाधड़ी में लिप्त व्यक्तियों, संस्थानों व बिचौलियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे।
घोटाले की जड़ें गहरी, 17 संस्थान शक के घेरे में
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 92 संदिग्ध शैक्षणिक संस्थानों की सूची जांच के लिए भेजी थी। शासन ने 19 मई को जारी शासनादेश के जरिए सभी जिलाधिकारियों को जांच के आदेश दिए थे। अब तक की जांच में 17 संस्थान गहरे संदेह के घेरे में पाए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट पहले ही केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है।
एसआइटी की हाई-लेवल मीटिंग, तीन दिन में रिपोर्ट की डेडलाइन
बुधवार को पुलिस मुख्यालय में हुई हाई-लेवल बैठक में पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वे संदिग्ध संस्थानों और व्यक्तियों की प्रारंभिक जांच को तीन दिन के भीतर पूरा कर रिपोर्ट सौंपें।
केंद्र की तीन बड़ी योजनाएं बनीं घोटाले का शिकार
यह घोटाला केंद्र सरकार की तीन प्रमुख अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजनाओं में सामने आया है:
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
मैरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति योजना
इन योजनाओं के तहत राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (NSP) से सीधे डीबीटी के माध्यम से छात्रों के खातों में राशि ट्रांसफर की जाती है। लेकिन 2021-22 और 2022-23 के दौरान कई संस्थानों और छात्रों ने फर्जी दाखिले, झूठे दस्तावेज और फर्जी खातों के जरिए सरकारी धन का बड़ा गबन किया।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
फर्जी दाखिलों, बैंक खातों और दस्तावेजों की गहन जांच जारी, संस्थानों की मान्यता रद्द करने की तैयारी, धोखाधड़ी में लिप्त व्यक्तियों, संस्थानों और बिचौलियों पर कड़े आपराधिक मुकदमे।