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बिग ब्रेकिंग: आईएमए के स्विमिंग पूल में डूबने से कैडेट की मौत

केरल के त्रिवेंद्रम के रहने वाले थे कैडेट बालू एस, एसीसी के जरिए हुआ था चयन

Amit Bhatt, Dehradun: प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे एक कैडेट की गुरुवार सुबह स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई। मृतक की पहचान 33 वर्षीय कैडेट बालू एस के रूप में हुई है, जो केरल के त्रिवेंद्रम जिले के निवासी थे।

कैडेट बालू एस का चयन आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) के जरिए स्पेशल कमीशंड ऑफिसर के लिए हुआ था। चयन के बाद वह आईएमए में कड़े सैन्य प्रशिक्षण से गुजर नहीं थे। तैराकी प्रशिक्षण के दौरान स्विमिंग पूल में डूबने से उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई।

सूचना मिलते ही कैडेट को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुके थे। उनका पंचनामा भरा गया और मामले की जानकारी परिजनों तथा स्थानीय पुलिस को दी गई। फिलहाल आईएमए प्रबंधन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि मौत लापरवाही के कारण हुई या फिर किसी अन्य वजह से।

पूर्व में भी हो चुकी हैं दुर्घटनाएं
आईएमए में इससे पहले भी प्रशिक्षण के दौरान कैडेटों की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अगस्त 2017 में दो जेंटलमैन कैडेटों की 10 किलोमीटर लंबी दौड़ के दौरान मौत हो गई थी। वर्ष 2019 में एक कैडेट की लांघा रोड के पास रात के नेविगेशन प्रशिक्षण के दौरान गहरी खाई में गिरने से मृत्यु हो गई थी।

आईएमए में देश-विदेश के कैडेट करीब एक वर्ष तक कठोर प्रशिक्षण लेते हैं। वहीं एसीसी के जरिए चयनित कैडेट तीन वर्ष की ग्रेजुएशन डिग्री के साथ सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद चौथे वर्ष आईएमए की मुख्यधारा में शामिल होते हैं और अंतिम प्री-कमीशन ट्रेनिंग लेकर पास आउट होते हैं।

📌 आईएमए : देश की सबसे प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी
– देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की स्थापना वर्ष 1932 में हुई थी।
– यहां देश-विदेश से आए जेंटलमैन कैडेट्स को लगभग एक वर्ष तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है।
– पास आउट होने के बाद कैडेट भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर कमीशन प्राप्त करते हैं।

📌 एसीसी (Army Cadet College) क्या है?
– एसीसी के जरिए उन युवाओं का चयन होता है जो प्रारंभ में सिपाही (जनरल ड्यूटी), वायुसेना व नौसेना में अन्य पदों पर भर्ती होते हैं।
– चयनित अभ्यर्थी तीन साल तक ग्रेजुएशन की डिग्री के साथ सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं।
– चौथे वर्ष में वे आईएमए की मुख्यधारा में शामिल होकर अंतिम प्री-कमीशन ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं।
– पास आउट के बाद ये कैडेट भी कमीशंड ऑफिसर बनकर सेना में शामिल होते हैं।

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