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जमीन अधिग्रहण पर अब 03 गुना मुआवजा, डीएम बंसल के प्रस्ताव पर शासन की मुहर

लखवाड़ व्यासी और त्यूणी प्लासू जल विद्युत परियोजना में अपनी भूमि दे रहे परिवारों को राहत, टिहरी के नैनबाग में प्रभावितों की तर्ज पर रेट तय

Rajkumar Dhiman, Dehradun: लखवाड़ व्यासी बहुद्देशीय जलविद्युत परियोजना के प्रभावितों को अब 03 गुना मुआवजा मिलेगा। मुआवजा की दरों में संशोधन को लेकर देहरादून जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर शासन (ऊर्जा विभाग) ने मुहर लगा दी है। इससे देहरादून जिले की कालसी तहसील के 09 गांवों (धनपो, लखवाड़, लक्स्यार, खुन्ना, अलमान, लुधेरा, खाती, दाऊ और सरयाना) को लाभ मिलेगा। इन प्रभावित गांवों को टिहरी जिले के निकटवर्ती गांवों (नैनबाग तहसील) के समकक्ष की भूमि दरों के समान ही लाभ मिलेगा।

दरअसल, लखवाड़-व्यासी बहुद्देशीय जल विद्युत परियोजना के साथ ही त्यूणी-प्लासू, आराकोट त्यूणी जल विद्युत परियोजना कटापत्थर, बैराज को धरातल पर उतारने के लिए जमीन अधिग्रहीत की जानी है। लिहाजा, जब मुआवजा तय करने की बारी आई तो पता चला कि संबंधित क्षेत्रों में जमीनों की दरें बहुत कम हैं। वर्तमान में लखवाड़ परियोजना में मुआवजा आवंटन की प्रक्रिया गतिमान है। चूंकि, परियोजना के अंतर्गत तहसील कालसी के 09 गांव जनजातीय क्षेत्र में हैं तो वहां भूमि का क्रय-विक्रय कम होता है।


भूमि के सर्किल रेट में आसपास के क्षेत्रों में ही इस तरह मिली भारी भिन्नता।

जिस कारण क्षेत्र से लगते हुए टिहरी की नैनबाग तहसील और देहरादून की विकासनगर तहसील के क्षेत्रों के मुकाबले यहां जमीनों के सर्किल रेट बेहद कम है। न्यून दरों पर मुआवजे को लेकर प्रभावितों ने भी विरोध जताया था। ऐसे में जिलाधिकारी सविन बंसल ने मुआवजा दरों की समीक्षा और अन्य जनपद के सापेक्ष मुआवजा दर में एकरूपता लाने के लिए उपजिलाधिकारी कालसी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। जिसमें उत्तराखंड जलविद्युत निगम लि. के प्रबंध निदेशक की ओर से नामित प्रतिनिधि के साथ ही संबंधित सब रजिस्ट्रार को भी शामिल किया गया।

पता चला कि प्रभावित क्षेत्रों में सर्किल रेट 13.20 लाख से 50 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है। वहीं, क्षेत्र से लगे टिहरी जिले के संबंधित गांवों में यह दरें 70 से 72 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है। इसी तरह देहरदून जिले की विकासनगर तहसील के निकटवर्ती गांवों में यही दर 01 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर है। मुआवजे में इतनी भिन्नता होने और प्रभावित क्षेत्रों में भारी कमी को देखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के माध्यम से शासन से अधिग्रहण वाली भूमि की दरों को अन्य के समान करने का निर्णय लेने का अनुरोध किया था।

जिस पर अब प्रमुख सचिव डा आर मिनाक्षी सुंदरम ने अपनी स्वीकृति दे दी है। अब न सिर्फ प्रभावित परिवारों को पहले की अपेक्षा तीन गुना मुआवजा मिलेगा, बल्कि देश और प्रदेश के हित में जल विद्युत परियोजनाएं जल्द धरातल पर भी उतर सकेंगी। जिलाधिकारी बंसल ने संबंधित अधिकारियों को शासन की स्वीकृति के क्रम में मुआवजा वितरण की कार्रवाई तेज करने को कहा है।

भूमि अधिग्रहण और मुआवजे का अपडेट, इसलिए अहम हैं परियोजनाएं
ज्ञातव्य है कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना में अधिग्रहित 45.317 हैक्टेयर भूमि का कुल 30.34 करोड़ अनुग्रह अनुदान राशि वितरण किया जाना है। अभी तक प्राप्त 19.27 करोड़ में से 17.85 करोड़ की अनुग्रह अनुदान राशि का वितरण कर लिया गया है। वहीं, त्यूनी प्लासू जल विद्युत परियोजना में ग्राम पंचायत रायगी की 3.122 है. और बृनाड बास्तील की 2.877 है. मिलाकर कुल 5.999 है. भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। भूमि अधिग्रहण हेतु गठित विभिन्न समितियों की सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन तथा भूमि का आवार्ड करने के उपरांत अनुग्रह राशि का वितरण प्रारंभ किया जाएगा। लखवाड़ परियोजना उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण जल विद्युत और सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। इससे 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे उत्तराखंड समेत 6 राज्यों को फायदा मिलेगा। इनमें उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली शामिल हैं।

 

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