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पिस्टल दिखाकर किशोरी का अपहरण व दुष्कर्म: देहरादून फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 03 को दोषी ठहराया, मुख्य आरोपी को 20 साल जेल

देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट (पोक्सो) कोर्ट ने सुनाई सजा, जाएगा कड़ा संदेश

Amit Bhatt, Dehradun: फास्ट ट्रैक कोर्ट (पोक्सो) देहरादून ने 04 साल पुराने सनसनीखेज मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए स्कूल जाती किशोरी का अपहरण और दुष्कर्म करने वाले 03 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अदालत ने मुख्य आरोपी को 20 वर्ष कठोर कारावास और 01 लाख रुपये जुर्माना, जबकि उसके 02 साथियों को 04-04 वर्ष जेल और 20-20 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने की स्थिति में सभी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

स्कूल जा रही थी किशोरी, जब वारदात को दिया अंजाम 
पीड़िता के पिता ने 03 सितंबर 2019 को पटेलनगर कोतवाली में तहरीर दी थी कि उनकी 15 वर्षीय बेटी स्कूल जा रही थी, तभी बरेली निवासी उनका रिश्तेदार उसे रास्ते से जबरन उठा ले गया। परिजनों के अनुसार आरोपी ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर 5 सितंबर को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

अदालत में बयान, हथियार के बल पर अपहरण और दुष्कर्म
पीड़िता ने अदालत के समक्ष बयान दर्ज कराए कि घटना वाले दिन आरोपी बाइक से आया और उसे जबरन बैठाने लगा। मना करने पर आरोपी ने पिस्टल पेट पर रखकर जान से मारने की धमकी दी। डर के चलते पीड़िता बाइक पर बैठ गई, जिसके बाद आरोपी ने उसे कुछ सुंघाकर बेहोश कर दिया। होश आने पर पीड़िता ने खुद को जंगल में पाया, जहां आरोपी के साथ 02 और युवक मौजूद थे। बाद में उसे नैनीताल और रुद्रपुर ले जाकर कई दिनों तक दुष्कर्म किया गया।

जांच में चौंकाने वाले खुलासे, 07 माह की गर्भवती
मेडिकल जांच में पता चला कि पीड़िता सात माह की गर्भवती थी। अदालत ने आदेश दिया कि पीड़िता का गर्भपात कराया जाए। जांच के दौरान गर्भपात के बाद भी बच्चेदानी में भ्रूण के अवशेष पाए गए। डीएनए परीक्षण में भी आरोपी की संलिप्तता साबित हुई।

गिरफ्तारी और ट्रायल
मुख्य आरोपी को पुलिस ने 6 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया। अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी 20 अक्टूबर 2019 को हुई। शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार और निजी अधिवक्ता शिवा वर्मा ने पीड़िता की ओर से पैरवी की।

अदालत का कड़ा संदेश
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट–पोक्सो) रजनी शुक्ला ने कहा कि नाबालिग बच्ची के साथ ऐसा अपराध समाज को झकझोर देता है। भविष्य से खिलवाड़ करने वाले दोषियों के लिए किसी भी तरह की नरमी संभव नहीं है। यह फैसला दूसरों के लिए भी नजीर बनेगा।

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