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UKSSSC पेपर विवाद: SIT गठित, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी जांच

जांच के दौरान दे सकेंगे साक्ष्य, ईमेल और व्हाट्सएप नंबर जारी

Round The Watch News, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की हालिया स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान सामने आए पेपर विवाद ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। हालांकि, धामी सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। इस जांच की निगरानी हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। सरकार का साफ संदेश है कि दोषियों पर 48 घंटे के भीतर कार्रवाई होगी और किसी भी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा। वहीं, एसआईटी ने त्वरित रूप में हरकत में आते हुए आमंत्रण दिया है कि कोई भी व्यक्ति प्रकरण से संबंधित साक्ष्य उपलब्ध करा सकता है। इसके लिए एसआईटी ने Email id spdehatddn@gmail.com अथवा मोबाइल/व्हाट्सएप नंबर: +91 9027083022 जारी किया है।

ऐसे हुई विवाद की शुरुआत, जांच में तस्वीर साफ
रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान हरिद्वार स्थित एक केंद्र से परीक्षा पत्र की तस्वीरें वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ गया। जानकारी के अनुसार परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई और 11:35 बजे तक तीन पन्ने बाहर भेजे जाने की पुष्टि हुई। सरकार ने साफ किया है कि यह घटना किसी संगठित नकल माफिया की करतूत नहीं बल्कि सीमित दायरे का मामला है, फिर भी निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं।

48 घंटे में की गई आरोपियों की गिरफ्तारी
घटना का संज्ञान लेते हुए सरकार ने तुरंत सख्ती दिखाई। मुख्य आरोपी खालिद मलिक को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया, जबकि उसकी बहन साबिया मलिक को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उसकी दूसरी बहन हीना और सहयोगी सुमन चौहान की भूमिका भी जांच के दायरे में है।

SIT का गठन और अधिकार क्षेत्र पूरा प्रदेश
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में गठित SIT को सौंपी गई है। SIT को पूरे प्रदेश में जांच का अधिकार होगा और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए इसकी निगरानी हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। एसआईटी के कार्यक्षेत्र/अधिकार पूरा प्रदेश होगा।

विपक्ष और राजनीतिक सरगर्मी के बीच सीधा संदेश
पेपर विवाद के बाद छात्रों में आक्रोश देखा गया। हालांकि, सरकार का आरोप है कि कुछ राजनीतिक दल और संगठन छात्रों की भावनाओं की आड़ लेकर इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि युवाओं का हित सर्वोपरि है और किसी भी स्तर पर परीक्षा प्रक्रिया से समझौता नहीं होगा।

आगे की राह, एसआईटी की रिपोर्ट तय करेगी दिशा
सरकार ने घोषणा की है कि SIT की रिपोर्ट आने तक आयोग परीक्षा से संबंधित आगे की कोई कार्रवाई नहीं करेगा। विवादित हरिद्वार केंद्र की विशेष जांच होगी और लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों पर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे। भविष्य की परीक्षाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता की जाएगी।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड सरकार।

सरकार का संदेश, भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पारदर्शी जांच और कठोर दंड के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि परीक्षा प्रणाली की साख बनी रहे और मेहनती अभ्यर्थियों का हक सुरक्षित हो।

 

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