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फर्जी बिलों से खजाने पर डाका, टैक्स चोरों पर राज्य कर विभाग का शिकंजा, 2.21 करोड़ रुपये की वसूली

राज्य कर विभाग के रडार पर कई और कारोबारी, जारी रहेगा अभियान

Rajkumar Dhiman, Dehradun: प्रदेश में फर्जी बिलों और बोगस फर्मों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का खेल खेलकर सरकारी खजाने को चपत लगाने वाले कारोबारियों पर राज्य कर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री के निर्देश और आयुक्त राज्य कर सोनिका के मार्गदर्शन में विशेष जांच शाखा की टीमों ने काशीपुर व रुद्रपुर में तीन कारोबारियों (दो फर्म और एक ठेकेदार) पर छापेमारी की। कार्रवाई में टैक्स चोरी का बड़ा नेटवर्क पकड़ा गया और मौके पर ही 2.21 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल लिया गया।

सोनिका, आयुक्त, राज्य कर (उत्तराखंड)

काशीपुर की लिथियम बैट्री फर्म बेनकाब
महुवाखेड़ा स्थित लिथियम बैट्री परिशोधन फर्म ने दिल्ली की फर्जी कंपनियों से खरीदारी दिखाकर करोड़ों का आईटीसी क्लेम कर रखा था। टीम की कार्रवाई के दौरान कर चोरी की परतें खुलीं तो फर्म संचालक ने तत्काल 50 लाख रुपये राजकोष में जमा कराए।

रुद्रपुर की ऑटो पार्ट्स फर्म पर गाज
भूरारानी रोड स्थित ऑटो पार्ट्स निर्माता फर्म ने अपनी वास्तविक करदेयता को मिथ्या आईटीसी से समायोजित किया हुआ था। विभाग ने इसे पकड़ते ही 13.5 लाख रुपये की वसूली की और फर्म को भविष्य में भी कड़ी निगरानी में रखा गया है।

सरकारी भुगतान लिया, टैक्स दबा गया ठेकेदार
काशीपुर के चैती गांव के ठेकेदार ने सरकारी विभागों से 8.75 करोड़ रुपये का भुगतान तो ले लिया, लेकिन जीएसटी जमा करने से बचता रहा। जब विभागीय टीम ने छापा मारा, तो उसने 1.57 करोड़ रुपये कर स्वीकारते हुए राजकोष में जमा कराया और बाकी महीनों का टैक्स चुकाने का लिखित आश्वासन दिया। कार्रवाई करने वाली टीम में उपायुक्त मो. इसहाक खान, ज्ञान चंद्र, विनय प्रकाश ओझा, सहायक आयुक्त मो. जीशान मलिक, मो. यासिर, राजेश कुमार सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे।

मुख्यमंत्री की निगरानी में ऑपरेशन
आयुक्त सोनिका ने स्पष्ट किया कि बोगस कंपनियों और फर्जी बिलों के सहारे टैक्स चोरी करने वाले अब विभाग की राडार पर हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर चल रहा यह अभियान लगातार जारी रहेगा और टैक्स माफियाओं पर “जीरो टॉलरेंस” नीति अपनाई जाएगी।

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