Uttarakhand

वन माफिया की हिमाकत: सागौन के हरे पेड़ काटे, ठूंठ पर लिख गए- “अभी तो ये ट्रेलर है”

उत्तराखंड में लगातार आ रहे अवैध पेड़ कटान के मामले, वन बीट वाचर को सीधी धमकी

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड के जंगलों पर दिन-ब-दिन बढ़ते वन माफिया के आतंक का ताजा सबूत बुधवार रात देखने को मिला। गदरपुर के पीपल पड़ाव रेंज के प्लॉट नंबर 40 में तस्करों ने सागौन के 14 हरे-भरे पेड़ों को कुल्हाड़ी से ढेर कर दिया। खास बात यह रही कि आरोपी मौके पर न केवल हवाई फायरिंग करते हुए वन विभाग की टीम को चकमा देकर फरार हो गए, बल्कि जाते-जाते पेड़ों के कटे ठूंठ पर चुनौती भरा संदेश भी लिख गए— “अभी तो ये ट्रेलर है।”

आरओ पूरन चंद्र जोशी के मुताबिक, जैसे ही पेड़ों के गिरने की आवाज जंगल में गूंजी, वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। लेकिन विभागीय कर्मियों को देख लकड़ी माफिया गोलियां चलाते हुए अंधेरे का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए। घटना विभागीय दफ्तर से महज 1.5 किमी दूरी पर हुई, जिससे माफियाओं के हौसले का अंदाजा लगाया जा सकता है।

बीट वॉचर को सीधी धमकी

कटे ठूंठ पर माफियाओं ने बीट वॉचर अनिल का नाम लिखते हुए चेतावनी दी— “अनिल भाई, अगली बार पचास।” यह संदेश साफ इशारा करता है कि तस्कर न केवल संगठित हैं बल्कि अब खुलेआम विभागीय कर्मियों को धमकाने से भी पीछे नहीं हट रहे।

वन विभाग के लिए खुली चुनौती

आरओ जोशी ने माना कि हाल ही में तस्करी पर लगातार हुई कार्रवाई से माफियाओं में नाराजगी है और यह वारदात उसी का परिणाम है। फिलहाल तीन नामजद समेत 15 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गदरपुर थाने में तहरीर दी गई है।

घटनाओं का लंबा सिलसिला

पीपल पड़ाव रेंज में लकड़ी तस्करी कोई नई बात नहीं है। पिछले एक साल में यहां कई बड़े मामले सामने आए हैं—

7 सितंबर 2024: 10 सागौन के लट्टे बरामद।

10 सितंबर 2024: 49 खैर के गिल्टे जब्त।

16 मई 2025: हरिपुरा जलाशय से शीशम व सागौन के गिल्टे बरामद।

24 मई 2025: हरिपुरा के पास खैर के 70 गिल्टे पकड़े गए।

29 मई 2025: नाव से लाई जा रही खैर की लकड़ी के 15 गिल्टे जब्त।

लगातार तस्करी की इन घटनाओं और अब खुलेआम दी गई चुनौती ने वन विभाग की सख्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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