Uttarakhand

शराब के गोदाम पर आबकारी आयुक्त का छापा, व्यवस्था का कड़ा परीक्षण

आबकारी आयुक्त अनुराधा ने कहा, मानकों का हर हाल में पालन अनिवार्य

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड की आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने सोमवार को देहरादून जनपद के कुंआवाला क्षेत्र स्थित विदेशी मदिरा गोदाम पर छापा मारा। आयुक्त के अचानक धमकने से गोदाम में हड़कंप मच गया। आयुक्त अनुराधा ने यहां की व्यवस्था का कड़ा परीक्षण किया।

निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप गोदामों में भंडारण व्यवस्था, स्टॉक प्रबंधन, सुरक्षा प्रावधान तथा परिवहन प्रणाली की गहन समीक्षा करना थ, ताकि आबकारी राजस्व की सुरक्षा और उपभोक्ताओं के हित पूर्णतः संरक्षित रह सकें।

निरीक्षण के दौरान गोदामों में उपलब्ध स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया गया। प्रत्येक विदेशी मदिरा गोदाम में स्टॉक रजिस्टर से मिलान कर अभिलेखों की जांच की गई और मौके पर मदिरा के नमूने लेकर उनकी शुद्धता की पुष्टि की गई। हालांकि, इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई।

परिवहन के लिए प्रयुक्त ट्रकों एवं वाहनों की भी जांच की गई। वाहनों में जीपीएस प्रणाली सक्रिय पाई गई, जिससे स्टॉक की निरंतर निगरानी संभव हो रही है। गोदामों में अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और उनकी कार्यशीलता की भी जांच की गई। इसके अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे, ताले-चाबी व्यवस्था और दैनिक स्टॉक रिकॉर्डिंग जैसी व्यवस्थाएं भी सुव्यवस्थित पाई गईं।

निरीक्षण के उपरांत आबकारी आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गोदाम प्रभारी और संबंधित अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे स्टॉक प्रबंधन, अभिलेख संधारण और सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरतें। अधिकारियों को नियमावली का कड़ाई से अनुपालन करने और समय-समय पर स्व-अवलोकन (self-audit) की प्रक्रिया अपनाने के निर्देश दिए गए।

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर दोषियों के विरुद्ध सख्त विभागीय एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

आबकारी विभाग का उद्देश्य न केवल राज्य को अपेक्षित राजस्व उपलब्ध कराना है, बल्कि उपभोक्ताओं को विदेशी मदिरा के सभी ब्रांडों की सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित करना भी है, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो और विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही शराब के अवैध भंडारण, परिवहन और बिक्री की संभावनाओं को भी सख्ती से समाप्त किया जा सके।

औचक निरीक्षण में उप आबकारी आयुक्त प्रभाशंकर मिश्र, सहायक आबकारी आयुक्त केपी सिंह, आबकारी निरीक्षक संजय रावत, शिव प्रसाद व्यास एवं सुंदर तोमर सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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