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खौफनाक: दून में 19 साल के हत्यारे की खौफनाक दास्तां, अपमान किया तो दोस्त को मार ही डाला

दुर्घटना के इर्द-गिर्द घूम रही शुभम की मौत से दून पुलिस ने उठाया पर्दा, हादसे की कहानी के पीछे हत्या का सच

Amit Bhatt, Dehradun: रानीपोखरी क्षेत्र में हुई युवक की रहस्यमयी मौत की गुत्थी आखिरकार दून पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने खुलासा किया है कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि ‘अपमान का बदला’ लेने के लिए की गई सुनियोजित हत्या थी। मृतक शुभम पाल उर्फ चुन्नी (उम्र लगभग 20 वर्ष) की हत्या उसके ही साथी कर्मी ऋषभ धीमान उर्फ बाबू (19 वर्ष) ने की। वो भी नशे की हालत में, सीवर टैंक में धक्का देकर।

🔪“हर रोज अपमान करता था… दे डाली मौत
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्त ऋषभ धीमान ने स्वीकार किया कि वह मृतक शुभम के साथ एक ही जगह काम करता था। कार्यस्थल पर शुभम अक्सर ऋषभ का मज़ाक उड़ाता और लोगों के सामने उसका अपमान करता था। यह अपमान धीरे-धीरे उसके भीतर ज़हर की तरह पलने लगा।

“उसने कई बार मुझे सबके सामने नीचा दिखाया, अब वो हमेशा के लिए नीचे चला गया…” अभियुक्त ऋषभ ने पुलिस पूछताछ में यह बात कही। यही रंजिश इस हत्या की जड़ बनी। ऋषभ ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए शुभम को मौत के घाट उतारने की योजना बनाई।

🍾 “शराब के बहाने बुलाया… और फिर धक्का दे दिया”
हत्या की रात यानी 14 अक्तूबर 2025, ऋषभ ने शुभम को शराब पीने के बहाने शांतिनगर के पास स्थित पुराने पानी के सीवर टैंक तक बुलाया। दोनों ने बैठकर शराब पी और शक से बचने के लिए ऋषभ ने अपने दो दोस्तों, अशोक और प्रवीण को भी मौके पर बुला लिया।

थोड़ी देर बाद जब दोनों दोस्त चले गए और शुभम पूरी तरह नशे में था, तभी ऋषभ ने मौका देखकर उसे अचानक सीवर टैंक में धक्का दे दिया। शुभम बचने की कोशिश में टैंक के सरिया में फँस गया, लेकिन ऋषभ ने उसकी टांगें पकड़कर जोर से नीचे धकेल दिया। जिससे शुभम की मौत हो गई। हत्या के बाद आरोपी मौके से भाग गया और पूरी रात ऐसे घूमता रहा मानो कुछ हुआ ही न हो।

🧩 शव मिलने से मच गई थी सनसनी
अगले दिन यानी 15 अक्तूबर की सुबह स्थानीय लोगों ने शांतिनगर के पुराने सीवर टैंक में शव देखा तो इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलने पर रानीपोखरी पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक की पहचान शुभम पाल के रूप में हुई। उसके पिता रमेश चन्द्र ने किसी अज्ञात व्यक्ति पर हत्या का संदेह जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल धारा 103 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया और मामले को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की निगरानी में लिया गया।

🔍 CCTV, तकनीकी साक्ष्य और मुखबिर नेटवर्क से खुला राज
थानाध्यक्ष विकेंद्र चौधरी के नेतृत्व में गठित टीमों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, आसपास के लोगों से पूछताछ की और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। तकनीकी एवं मानवीय साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने 17 अक्तूबर को आरोपी ऋषभ धीमान को दबोच लिया। पूछताछ में ऋषभ ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और वारदात की पूरी कहानी उगल दी। घटना के समय पहने हुए कपड़े एवं जूते भी पुलिस ने आरोपी से बरामद किए हैं।

👮‍♂️ पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
मामले के खुलासे में निम्न पुलिस कर्मियों की भूमिका उल्लेखनीय रही:
1. थानाध्यक्ष विकेंद्र चौधरी, थाना रानीपोखरी
2. हे.कां. धीरेंद्र कुमार यादव
3. कां. रवि कुमार
4. कां. तेज सिंह
5. कां. दुष्यन्त
6. कां. शशिकांत
7. कां. कर्मजीत
8. कां. चालक चैनपाल

⚖️ कानून के शिकंजे में आया ‘अपमान का हत्यारा’
पुलिस ने आरोपी ऋषभ धीमान को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है। इस हत्या ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि छोटी-छोटी रंजिशें जब मन में सुलगती रहती हैं, तो इंसान का ज़मीर भी मर जाता है। दून पुलिस की त्वरित कार्रवाई से जहां इलाके में राहत की सांस ली गई है, वहीं यह मामला समाज को चेतावनी देता है “अपमान का बदला अगर कानून से नहीं, अपराध से लिया जाए, तो अंजाम मौत भी हो सकता है।” यह स्थिति समाज में बढ़ती हद दर्जे की नफरत के कुरूप चेहरे को भी दर्शाती है।

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