वीडियो: दून की नदियों में फिर आफत ला सकता है लाखों टन मलबा, डीएम सविन ने निस्तारण का बनाया एक्शन प्लान
मुख्यमंत्री के दौरे और निर्देश के क्रम में प्रशासनिक अमले के साथ ग्राउंड जीरो पर पहुंचे डीएम, आपदा राहत एवं पुनर्निर्माण की समीक्षा

Amit Bhatt, Dehradun: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आज जिलाधिकारी सविन बंसल खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे। आपदाग्रस्त सेरागांव-सहस्रधारा क्षेत्र में पहुंचे डीएम सविन बंसल ने सभी विभागीय अधिकारियों संग आपदा पुनर्निर्माण और राहत कार्यों की जमीनी समीक्षा की। उन्होंने साफ चेताया कि “एक-एक प्रभावित तक राहत पहुंचने तक कोई भी अधिकारी क्षेत्र से बाहर नहीं जाएगा।”
डीएम बंसल ने मौके पर ही विभागीय अफसरों को तलब कर बिजली, पानी और सड़कों के पुनर्निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश, राज्य हित और आपदा न्यूनीकरण “जिला प्रशासन के लिए सर्वोपरि हैं।”
मलबा हटाने को हरी झंडी, आज ही जारी हुई नीलामी विज्ञप्ति, मानसून से पहले होगा निस्तारण
कार्लीगाड़ और मझेड़ा क्षेत्र में नदी-गाढ़-गदेरे से लाखों टन मलबा हटाने के लिए डीएम ने तत्काल स्वीकृति आदेश जारी किए। उन्होंने बताया कि मलबा निस्तारण के लिए स्थानों को चिह्नित कर लॉट प्रणाली से आवंटन कर दिया गया है, और आज ही नीलामी की विज्ञप्ति प्रकाशित कराई गई है। उन्होंने कहा कि यह कार्य मानसून से पहले युद्धस्तर पर पूरा किया जाएगा ताकि दोबारा आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।
आईआईटी रुड़की और वाडिया इंस्टीट्यूट करेंगे भू-सर्वे
डीएम ने बताया कि कार्लीगाड़ और मझेड़ा क्षेत्र में विस्थापन एवं भू-सुरक्षा आकलन के लिए आईआईटी रुड़की और वाडिया इंस्टीट्यूट की विशेषज्ञ टीमों को लगाया जा रहा है। यह टीमें जियोलॉजिकल सर्वे, एस्टीमेशन और निरीक्षण रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेंगी, ताकि भविष्य में स्थायी समाधान तैयार हो सके।
प्रभावितों को बाजार दर पर मिलेगा किराया, फंड स्वीकृति मौके पर
आपदा में जिन परिवारों के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें जिला प्रशासन द्वारा फिलहाल ₹4000 मासिक किराया दिया जा रहा है। प्रभावितों की मांग पर डीएम ने निर्देश दिए कि अब यह किराया बाजार दर के अनुसार तय किया जाएगा, और औपचारिकताएं तुरंत पूरी की जाएं। उन्होंने बताया कि मजेड़ा, कार्लीगाड़ और सहस्त्रधारा में ऐसे पाँच परिवार हैं जिनके मकान अब भी रहने योग्य नहीं हैं, इन्हें राहत प्राथमिकता पर दी जाएगी।
अफसरों पर बरसे डीएम, पंचायत विभाग को फटकार, लोनिवि को मौके पर फंड मंजूर
सेरागांव में समीक्षा के दौरान डीएम सविन बंसल ने पंचायत विभाग के अधिकारियों को आंतरिक सड़कों और पैदल मार्गों की स्थिति पर फटकार लगाई। उन्होंने लोनिवि को मौके पर ही फंड स्वीकृत करते हुए मशीनों से सड़क खोलने के आदेश दिए। डीएम ने स्पष्ट कहा, “लोगों की आवाजाही बाधित नहीं रहनी चाहिए, हर रास्ता युद्धस्तर पर खोला जाए।”
आपदा राहत कार्यों पर सतत मॉनिटरिंग
डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। जिलाधिकारी भी व्यक्तिगत रूप से कार्यों की निरंतर मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि जब तक प्रभावित क्षेत्र का जीवन पूर्णतः सामान्य नहीं हो जाता, “सभी अधिकारी वहीं तैनात रहेंगे और दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।”
वन, सिंचाई, खनन व राजस्व विभागों की संयुक्त टीम सक्रिय
मलबा हटाने के लिए डीएम ने वन, सिंचाई, खनन और राजस्व विभागों की संयुक्त टीम गठित की है, जो पैचवार कार्य करेगी। प्रत्येक पैच लगभग 500 से 600 मीटर लंबा होगा। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे ताकि पुनः आपदा का खतरा न रहे।
बैठक में मौजूद रहे यह अधिकारी
समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा, उप जिलाधिकारी हरि गिरि, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज कुमार, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, अधिशासी अभियंता लोनिवि ओमपाल, विद्युत विभाग के अभियंता राकेश कुमार, जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चौहान, ग्राम प्रधान राकेश जवाड़ी, संजय राणा, जय किशन ममगाईं सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।



