crimeDehradunUttarakhand

फर्मों में बिजली के कनेक्शन नहीं और कर दिया करोड़ों का कारोबार, 08 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी

कर चोर डाल-डाल तो, राज्य कर मुख्यालय की सीआईयू ने पात-पात वाले अंदाज में 04 फर्मों पर कसा शिकंजा

Rajkumar Dhiman, Dehradun: राज्य कर मुख्यालय देहरादून की सेंट्रल इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) ने जीएसटी चोरी के बड़े खेल का पर्दाफाश किया है। आयुक्त सोनिका के निर्देश पर विभाग की विशेष टीमों ने हरिद्वार में एक साथ छापेमारी कर 04 संदिग्ध फर्मों पर शिकंजा कसा। ये फर्में एलईडी लाइट्स और लिथियम बैटरी के व्यापार के नाम पर करोड़ों रुपये की फर्जी बिलिंग कर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का फर्जी लाभ उठा रही थीं।

विभागीय जांच में सामने आया कि ये फर्में फर्जी ढंग से आपस में खरीद-बिक्री दिखाकर करोड़ों की आईटीसी अग्रसारित कर रही थीं, जबकि वास्तविक व्यापार नगण्य था। चौंकाने वाली बात यह रही कि बिजली विभाग ने बकाया न चुकाने पर जिन फर्मों की बिजली काट रखी थी, वे फर्में फिर भी करोड़ों रुपये के ई-वे बिल बना रही थीं। जिसका मतलब यह हुआ कि वह कारोबार कर रही हैं।

छापेमारी के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि फर्मों के गेट रजिस्टर में किसी भी माल की आवाजाही दर्ज नहीं थी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि व्यापार सिर्फ कागजों में चल रहा था। हरिद्वार स्थित फर्मों से जुड़ी सितारगंज की एक फर्म भी जांच के घेरे में आई, जो पिछले 02 सालों से बंद थी, लेकिन उसके नाम पर भी करोड़ों रुपये का कारोबार दिखाया जा रहा था।

ई-वे बिल डाटा की जांच में वाहनों की वास्तविक आवाजाही के कोई सबूत नहीं मिले। न टोल प्लाजा क्रॉसिंग का डेटा मिला, न ही किसी ट्रक की वास्तविक यात्रा का रिकॉर्ड, यानी संपूर्ण कारोबार फर्जी बिलों पर आधारित था। जांच में यह भी पाया गया कि फर्मों द्वारा घोषित खरीद-बिक्री और स्टॉक में भारी अंतर है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, फिलहाल 8 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी की पुष्टि हो चुकी है, जो आगे और बढ़ सकती है। छापेमारी की कार्रवाई शनिवार देर रात तक जारी रही। विभाग की 10 टीमों और 30 अधिकारियों ने मिलकर ये ऑपरेशन संचालित किया। छापे के दौरान विभाग ने फर्मों के कंप्यूटर, मोबाइल डिवाइस और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।

आयुक्त सोनिका ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि फर्जी बिलिंग और सर्कुलर ट्रेडिंग के जरिये कर चोरी करने वाली किसी भी फर्म को बख्शा नहीं जाएगा। विभाग ने कहा है कि ऐसे मामलों की सूचना अन्य एजेंसियों, जैसे-प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग और पुलिस को भी जांच हेतु भेजी जा रही है।

राज्य कर विभाग की इस कार्रवाई ने प्रदेश में फर्जी जीएसटी नेटवर्क चलाने वालों में हड़कंप मचा दिया है। विभाग का कहना है कि आगे भी इस तरह की संदिग्ध फर्मों पर लगातार निगरानी और सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि सरकारी राजस्व की चोरी करने वाले टैक्स माफिया के खिलाफ नकेल कसी जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button