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शराब में ओवररेटिंग पर जिम्मेदारी तय, अब इन अफसरों पर गिरेगी गज

आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल का आदेश, जिला आबकारी अधिकारी और संबंधित इंस्पेक्टर माने जाएंगे जिम्मेदार

Rajkumar Dhiman, Dehradun: राज्य में शराब दुकानों में निर्धारित मूल्य से अधिक दरों पर शराब बेचने (ओवररेटिंग) की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब आबकारी विभाग ने इस पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने आदेश जारी कर सभी जिला आबकारी अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अब किसी भी हालत में ओवररेटिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अनुराधा पाल, आबकारी आयुक्त (उत्तराखंड)

आबकारी आयुक्त के आदेश में समस्त जिला आबकारी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने जिलों में स्थित सभी मदिरा दुकानों की नियमित जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि शराब की बिक्री निर्धारित दर पर ही हो।

पत्र में विभाग ने स्वीकार किया है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद ओवररेटिंग की शिकायतें जनता से मिल रही हैं, जो अत्यंत खेदजनक और गंभीर स्थिति है। इस पर अब कठोर कार्रवाई की तलवार लटक चुकी है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि यदि किसी जिले में ओवररेटिंग का मामला संज्ञान में आता है तो संबंधित जिला आबकारी अधिकारी और क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। आबकारी आयुक्त ने यह भी कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

मतलब साफ है कि अब न कोई चेतावनी, न कोई ढील—यदि शराब की दुकानें जनता से लूट करेंगी, तो न सिर्फ दुकान पर कार्रवाई होगी, बल्कि उस क्षेत्र के जिला आबकारी अधिकारी और निरीक्षक की कुर्सी भी खतरे में पड़ जाएगी। आबकारी विभाग की यह सख्ती जनता के हित में मानी जा रही है, क्योंकि लंबे समय से शिकायतें थीं कि दुकानों पर एमआरपी से ज्यादा वसूली कर खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

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