countryDehradunHealthUttarakhand

पतंजलि के तेल और अमूल के दही दोनों फेल, प्रशासन ने जब्त किया 1260 लीटर तेल

उत्तर प्रदेश में कार्रवाई के बाद उत्तराखंड में भी अफसरों के कान खड़े, पैनी नजर

Rajkumar Dhiman, Dehradun: योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के दावों की पोल खुली है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जांच में कंपनी के रिफाइंड तेल शुद्धता के मानकों पर खरे नहीं उतरे। यही नहीं, देशभर में ‘विश्वसनीय ब्रांड’ माने जाने वाले अमूल के दही का नमूना भी अधोमानक पाया गया है। दोनों ही रिपोर्ट्स ने उपभोक्ताओं की थाली में परोसे जा रहे उत्पादों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह कार्रवाई हाल में उत्तर प्रदेश में की गई। जिसके बाद उत्तराखंड में एफडीए के अफसरों के कान भी खड़े हो गए हैं। क्योंकि, उत्तराखंड में भी शहर से लेकर गांव तक पतंजलि और अमूल के उत्पादों की अच्छी खासी डिमांड है।

1260 लीटर तेल जब्त, फेल हुई रिपोर्ट
संबंधित क्षेत्र के सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि एफएसडीए टीम ने 29 अप्रैल को बेलीपार क्षेत्र के चनऊ उर्फ बेतऊवा स्थित पतंजलि के सुपर डीलर तेजस्वी ट्रेडर्स के गोदाम पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान 1260 लीटर रिफाइंड, सोयाबीन और पाम तेल जब्त किया गया। जांच टीम ने पाया कि यह तेल टूटे और दबे हुए टिन से निकालकर प्लास्टिक के बड़े ड्रमों में भरकर रखा गया था, जो साफ तौर पर खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।

गोदाम से मधु, हल्दी, धनिया और मसाला के नमूने भी लिए गए थे। हाल ही में आई प्रयोगशाला रिपोर्ट में तेल का नमूना फेल घोषित कर दिया गया। इसका अर्थ है कि उपभोक्ताओं तक पहुंचने से पहले ही यह उत्पाद गुणवत्ता परीक्षण में असफल हो गया।

अमूल का दही भी अधोमानक
इसी बीच, एफएसडीए टीम ने सितंबर में गोलघर क्षेत्र में एक वाहन को रोककर अमूल ब्रांड के दही के नमूने लिए थे। अब आई जांच रिपोर्ट में यह दही भी मानक से नीचे पाया गया है। प्रशासन का कहना है कि इस मामले में अगली कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

उपभोक्ताओं में आक्रोश, भरोसे पर सवाल
पतंजलि और अमूल दोनों ही देश के सबसे बड़े डेयरी और एफएमसीजी ब्रांड्स माने जाते हैं। लेकिन इनकी गुणवत्ता पर उठे सवाल ने उपभोक्ताओं में आक्रोश और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि जब नामी कंपनियों के उत्पाद ही मानक पर खरे नहीं उतर रहे, तो आम उपभोक्ता की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा?

एफएसडीए सख्त, अन्य ब्रांड्स पर भी निगरानी
एफएसडीए ने साफ कहा है कि किसी भी ब्रांड को गुणवत्ता से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डॉ. सिंह के अनुसार, जिले में अन्य वितरकों और सुपर डीलरों पर भी सख्त निगरानी बढ़ाई जा रही है, ताकि जनता के स्वास्थ्य से कोई समझौता न हो। वहीं, उत्तराखंड में भी अधिकारियों ने निगरानी तेज कर दी है।

1.3 लाख करोड़ से अधिक का कारोबार, मानक में चूक कैसे
अमूल का कारोबार 90 हजार करोड़ रुपए से अधिक का है, जबकि पतंजलि के विभिन्न उत्पादों का टर्नओवर 40 हजार करोड़ रुपए के करीब है। जाहिर है कि लाखों/करोड़ों लोग इन नामी कंपनियों के उत्पादों पर भरोसा करते हैं। ऐसे में उत्पादों का कम गुणवत्ता या अधोमानक पाया जाना बड़े सवाल खड़े करता है। क्योंकि, मुनाफा एक बता है और उसके नाम पर शुद्धता से समझौता नहीं किया जा सकता।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button