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स्कूटी और ट्रैक्टर से कैसे ढोया 10 करोड़ का माल, फर्जी बिलों से करोड़ों की कर चोरी बेनकाब

काशीपुर की प्रतिष्ठित फर्म पर राज्य कर विभाग का शिकंजा, मौके पर ही 1.50 करोड़ की सरेंडर राशि जमा

Rajkumar Dhiman, Uttarakhand: राज्य कर विभाग की टीम ने कर चोरी में लिप्त व्यापारियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए काशीपुर की एक प्रतिष्ठित आयरन-स्टील ट्रेडिंग फर्म की पोल खोल दी। यह फर्म बिना माल की आपूर्ति के फर्जी बिलों के जरिये करोड़ों का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हड़प रही थी। आयुक्त राज्य कर सोनिका और अपर आयुक्त डीएस नबियाल के निर्देशन में संयुक्त आयुक्त (वाणिज्यिक अनुश्रवण/प्रवर्तन) श्याम तिरूवा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने फर्म के ठिकानों पर छापा मारा।

जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। फर्म ने मुरादाबाद, रामपुर सहित कई स्थानों की फर्जी फर्मों से लगभग 10 करोड़ रुपये की खरीद दर्शाई थी। हैरानी की बात यह कि फर्म ने सिर्फ एक स्कूटर (होंडा एक्टिवा) पर ही 20 लाख रुपये मूल्य का आयरन-स्टील खरीदने का दावा किया था। इतना ही नहीं, तीन पहिया वाहनों और कृषि ट्रैक्टरों के माध्यम से 59 लाख रुपये की भारी आयरन शीट और पाइप मुरादाबाद व अन्य स्थानों से मंगाने की बात दिखाई गई थी, जो स्पष्ट रूप से फर्जी लेन-देन को दर्शाता है।

टीम ने फर्म के व्यापारिक स्थल से बड़ी मात्रा में अभिलेख और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए हैं, जिनकी बारीकी से जांच जारी है। प्रारंभिक पूछताछ में व्यापारी खुद को बचा नहीं सका और अपनी गलती स्वीकार करते हुए मौके पर ही 1.50 करोड़ रुपये की राशि सरेंडर कर दी।

यह कार्रवाई डिप्टी कमिश्नर (वि.अनु.शा.) विनय ओझा के नेतृत्व में की गई। टीम में सहायक आयुक्त मो. जीशान मलिक, अमर कुमार, राज्य कर अधिकारी मंजीत सिंह राणा, मुकेश पांडे, विश्वजीत सिंह, स्वर्णलता सहित विभाग के करीब 20 अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।

राज्य कर विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसे फर्जी बिल कारोबारियों पर विभाग की सख्त नजर बनी हुई है, और किसी भी स्थिति में कर चोरी बख्शी नहीं जाएगी। विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में अन्य संदिग्ध फर्मों पर भी इसी तरह की छापेमारी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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