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आयकर का फिर बड़ा धमाका: बिल्डर रमेश बत्ता का ‘छिपा हुआ ठिकाना’ भी पकड़ा गया

Rajkumar Dhiman, Dehradun: देहरादून में बिल्डरों और शराब कारोबारियों के खिलाफ आयकर विभाग की लगातार छापेमारी ने शुक्रवार को बड़ा खुलासा कर दिया। कार्रवाई तीसरे दिन थमने ही वाली थी कि अचानक विभागीय टीम के हाथ लग गए ऐसे कागजात, जिनसे पूरे ऑपरेशन की दिशा पलट गई। दस्तावेजों में मिले संकेतों ने बिल्डर रमेश बत्ता के एक ऐसे दफ्तर का पता दिया, जिसका अस्तित्व वह सालों से सभी जांच एजेंसियों से छुपाते आ रहे थे।
जैसे ही टीम को भनक लगी कि बल्लूपुर चौक के पास बनारस कैफे की बिल्डिंग में बत्ता का ‘अघोषित’ कार्यालय चलता है, पूरी इन्वेस्टिगेशन टीम वहीं पर टूट पड़ी और दफ्तर को तत्काल कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी गई।
कागजात ने खोल दिया नया पिटारा
सूत्रों के मुताबिक आयकर अधिकारी शुक्रवार तक छापेमारी रोकने की आपचारिकता पूरी कर रहे थे। तभी छंटाई के दौरान कुछ अहम पेपर और डिजिटल दस्तावेज मिले, जिनकी क्रॉस–चेकिंग ने हड़कंप मचा दिया। नया लोकेशन कन्फ़र्म होते ही ऑपरेशन को बढ़ाने का फैसला हुआ। जिसके बाद दिल्ली और देहरादून के 20 ठिकानों पर रात तक टीमें जमी रहीं। विभाग को भरोसा है कि गुप्त दफ्तर से कई छुपी जानकारी, सौदे और लेन-देन के रिकॉर्ड मिल सकते हैं।
जप्ती का ब्योरा: 3 करोड़ कैश और 7 करोड़ के जेवर–बुलियन
रियल एस्टेट नेटवर्क से जुड़े राकेश बत्ता, रमेश बत्ता, विजेंद्र पुंडीर, इंदर खत्री और शराब व्यवसायों से जुड़े कमल अरोड़ा व प्रदीप वालिया के ठिकानों से आयकर टीम अब तक 3 करोड़ रुपए से ज्यादा नकद, 7 करोड़ रुपए से अधिक के आभूषण और बुलियन जब्त कर चुकी है। फिलहाल सब कुछ जांच पूरी होने तक विभाग की कस्टडी में रखा गया है।
पुराने घोषित आभूषणों पर सवाल—‘अगर पुराने थे तो बुलियन कैसे बने?’
पूछताछ में कई कारोबारी दावा कर रहे हैं कि ज्यादातर ज्वेलरी पहले से घोषित थी, कुछ तो 1997 में भी। लेकिन आयकर अधिकारियों ने सख्त सवाल दागा, “अगर ये आभूषण पहले घोषित थे, तो अब बुलियन या दूसरी फॉर्म में कैसे बदल गए? कौन-सी प्रोसेस अपनाई गई?” अब तक इस पर कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है।
22 बैंक लॉकरों की जांच शुरू—‘कुंडली’ खंगाल रही टीम
विभाग को विभिन्न बिल्डरों और शराब कारोबारियों के 22 बैंक लॉकर भी मिले हैं। इन्हें खोला जा रहा है। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक इनमें बड़ी मात्रा में दस्तावेज और आभूषण रखे हैं, जबकि कैश बेहद कम बताया जा रहा है।

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