Dehradun

कालसी की जमीन का मालिक पाकिस्तानी बन गया?, प्रशासन पर मिलीभगत के आरोप

कालसी व विकासनगर में बदलती डेमोग्राफी पर स्वाभिमान मोर्चा का हमला

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने कालसी तहसील और आसपास के जनजातीय क्षेत्रों में बदलती डेमोग्राफी को लेकर सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि “राज्य की सुरक्षा, कानून व्यवस्था और जनजातीय क्षेत्र की संरचना को कमजोर करने वाली गतिविधियों में शासन-प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। उन्होंने सबूत होने का दावा करते हुए कहा कि कालसी की एक भूमि को वीडियो के माध्यम से एक पाकिस्तानी अपनी पैतृक भूमि बता रहा है। जबकि, कश्मीर के एक व्यक्ति ने यह जमीन खरीद ली है। कालसी और चकराता ब्लॉक में यहां से बाहर का कोई व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता। चाहे वह देहरादून जिले के अन्य ब्लॉक का ही क्यों न हो।

जम्मू-कश्मीर के व्यक्ति द्वारा विवादित जमीन खरीद का मामला गरमाया

पंवार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस विभाग में कार्यरत रह चुका एक व्यक्ति—गुलाम हैदर—राज्य के भ्रष्ट सिस्टम, राजनीतिक संरक्षण और कुछ संगठनों की बैकडोर सपोर्ट से जनजातीय क्षेत्र में जमीन खरीद रहा है, जो नियमों और सुरक्षा मानकों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस जमीन विवाद से जुड़े दो वीडियो पाकिस्तान से जारी हुए हैं, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया है। प्रेस वार्ता में महानगर अध्यक्ष रामकुमार शंखधर, कैप्टन भरत सिंह रावत, कैप्टन पुरन सिंह रावत, अनिल डोभाल, संजीव शर्मा, संजय चौहान, जसपाल सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

2024 में भी मुद्दा उठाया, कार्रवाई शुरू हुई फिर दबा दी गई”

पंवार ने बताया कि मोर्चा ने फरवरी 2024 में भी इसी तरह का मामला उजागर किया था। उस समय कार्रवाई शुरू हुई, लेकिन बाद में अधिकारियों द्वारा “लीपापोती” कर मामला दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि विकासनगर और कालसी में फर्जी प्रमाणपत्रों के बड़े पैमाने पर बनाए जाने की जानकारी सामने आ रही है, जो डेमोग्राफी में बदलाव को लेकर गहरी आशंका पैदा करती है।

भाजपा सरकार डेमोग्राफी पर प्रचार कर रही, जमीनी हकीकत उलट”

पंवार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा—भाजपा सरकार डेमोग्राफी पर तूफानी प्रचार कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि ऐसे संवेदनशील मामलों में सरकार और प्रशासन दोनों मौन हैं। यह मामला सरकार की कथित मजबूती की पोल खोलने वाला है।” उन्होंने मांग की कि दोषी अधिकारियों को तत्काल सेवामुक्त किया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो मोर्चा सड़क पर उतरेगा और जनता को व्यापक आंदोलन के लिए तैयार किया जाएगा।

राज्य की बागडोर गलत हाथों में”—महासचिव भट्ट

मोर्चा के महासचिव राजेंद्र प्रसाद भट्ट ने गंभीर चिंता जताते हुए कहा, राज्य की बागडोर गलत हाथों में जा चुकी है। हम अपनी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। स्वाभिमान मोर्चा हर स्तर पर इन मुद्दों को बेनकाब करेगा।”

यह मुद्दा आने वाले दिनों में उत्तराखंड की राजनीति को गर्म कर सकता है, क्योंकि सवाल सीधे सुरक्षा, जनजातीय संरक्षण और डेमोग्राफी से जुड़ रहे हैं।

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