एसीआर लटकाकर प्रमोशन में अड़ंगा डालने वाले अफसरों पर मुख्य सचिव सख्त
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आदेश जारी कर एसीआर के लंबित प्रकरणों की आख्या प्रत्येक माह उपलब्ध कराने को कहा

Rajkumar Dhiman, Dehradun: किसी कार्मिक के प्रमोशन में एसीआर कितनी मायने रखती है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन, कई अधिकारी ऐसे हैं, जो एसीआर को हथियार बनाकर अधीनस्थों पर चला रहे हैं। एसीआर को बदले की भावना के रूप में भी प्रयोग किया जा रहा है। जिस अधीनस्थ कार्मिक से उच्चाधिकारी की बनती नहीं है या वह किसी वजह से नाराजगी पाले बैठे हैं तो एसीआर लटका दी जा रही है। एसीआर के कई मामले वर्ष 2021-22 से भी लंबित चल रहे हैं। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस प्रवृत्ति पर गहरी नाराजगी जताते हुए सभी प्रमुख सचिव/सचिव, विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि कार्मिकों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियों के निस्तारण के लिए सभी विभागाध्यक्ष अपने अधीनस्थ कार्यालयों में लंबित ऑनलाइन एसीआर प्रकरणों की समीक्षा करते हुए प्रत्येक माह के अंत में अनुपालन आख्या कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को उपलब्ध कराएंगे।
मुख्य सचिव की ओर से भेजे गए पत्र में संबंधित अधिकारियों से कहा गया है कि कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के शासनादेश संख्या 78/XXX(2)/ 2022-55(26)/2002, दिनांक 11 फरवरी, 2022 का संदर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, जिसके माध्यम से राज्याधीन सेवाओं के अंतर्गत श्रेणी ‘क’ ‘ख’ एवं ‘ग’ के कार्मिकों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के ससमय अंकन न होने के क्रम में ऑफलाइन व्यवत्त्था को समाप्त कर एचआरएमएस मॉड्यूल के अंतर्गत ऑनलाईन व्यवस्था की गई है। इस संबंध में वर्ष 2021-22 शासनादेश जारी किया गया था।
ऑनलाइन एसीआर मॉड्यूल में कार्मिकों के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करने पर पाया गया कि कतिपय कार्मिकों की ऑनलाइन एसीआर वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में प्रतिवेदक/समीक्षक/स्वीकृता अधिकारियों के स्तर पर लंबित प्रदर्शित हो रही हैं। ऐसी स्थिति में कार्मिकों के सेवा संबंधी प्रकरण बाधित हो रहे हैं। लिहाजा, अधीनस्थ समस्त कार्मिकों की विगत वर्षों की लंबित एसीआर को उपरोक्त शासनादेश दिनांक 11 फरवरी, 2022 के बिंदु संख्या-2 में निर्धारित समय सारिणी के अनुसार अनिवार्यतः निस्तारित करना सुनिश्चित करें।
उक्त निर्धारित समय सारणी तक जिन कार्मिकों द्वारा अपनी स्वमूल्यांकन आख्या सिस्टम में अंकित नहीं की गई है अथवा प्रतिवेदक/ समीक्षक/ स्वीकृता स्तर से आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई, तो शासनादेश के प्रस्तर-2 (3) के क्रम में प्रकरण को पोर्टल द्वारा स्वतः ही अगले चरण को अग्रसारित कर दिया जाएगा। पोर्टल द्वारा स्वतः अग्रसारित कर दिए जाने के उपरांत पूर्ववर्ती चरण की कार्यवाही के लिए अवसर समाप्त समझा जाएगा एवं 30 जून के उपरांत विगत वर्षों के बैच क्रिएशन के ऑप्शन को सिस्टम में फ्रीज कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव के आदेश में कहा गया है कि नियमों का कड़ाई से अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाए।