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आपदा पीड़ितों की पुकार! डीएम ने लांघा पहाड़…और उफनाया गदेरा कर डाला पार

देहरादून के सहसपुर ब्लाक के आपदा प्रभावित बटोली गांव में पहुंचकर डीएम सविन बंसल ने खुद महसूस की ग्रामीणों की पीड़ा

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी देहरादून से महज 30 किलोमीटर दूर बटोली गांव अलग-थलग पड़ गया है। कहने को यह राजधानी का गांव है, लेकिन अतिवृष्टि से इसका संपर्क कट गया है। मौजूदा समय में हालात इतने विकट हैं कि लोग पलायन करने को विवश होते दिख रहे हैं। इस मानसून सीजन में गांव की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है, लेकिन लंबे समय से गांव के पास ऐसा भूस्खलन हो रहा है, जिसने यहां के मार्ग को लीलकर 500 मीटर गहरी खाई बना दी है। जिलाधिकारी सविन बंसल को जब बटोली के आपदा प्रभावित ग्रामीणों की पीड़ा का पता चला तो वह गुरुवार को स्वयं गांव जा पहुंचे।

बटोली गांव पहुंचने के लिए देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस अंदाज में पार किया गदेरा।

लेकिन, बटोली तक का सफर आसान नहीं था। निकटवर्ती क्षेत्र कोटी से जिलाधिकारी ने अपनी टीम के साथ 2.5 किलोमीटर का सफर पैदल ही तय किया। इस दौरान उन्होंने भूस्खलन से बन चुकी गहरी खाई के पास 500 मीटर खड़े पहाड़ को पार किया और उफनाए गदेरे से भी दो-दो हाथ किए। गदेरा पार करने के लिए जिलाधिकारी (डीएम) सविन बंसल ने लंबी छलांग भी लगाई।

वह पथरीले और भूस्खलन के कच्चे मलबे के बीच बिना डरे कभी चढ़ाई करते दिखे तो कभी फिसलन से बिना डरे अपने कदम गांव की तरफ बढ़ाते रहे। गांव में खुली बैठक का आयोजन भी किया गया था और जिलाधिकारी उसमें भी शरीक हुए। जिलाधिकारी को तमाम मुश्किलों को पार कर अपने बीच पहुंचा देख ग्रामीणों की नाराजगी उम्मीद में बदल गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सिपहसालार के रूप में स्वयं जिलाधिकारी की मौजूदगी ने ग्रामीणों को अहसास कराया कि उनकी पीड़ा अब दूर हो सकेगी।

आपदा प्रभावित गांव की तरफ बढ़ते चले गए जिलाधिकारी सविन बंसल के कदम।

खाईनुमा टीले पर रातों-रात तैयार करवाया मार्ग, 03 माह तक दिन-रात रहेगी मशीनरी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा की घटनाओं पर त्वरित रिस्पांस के लिए सभी जिलाधिकारियों निर्देशित किया है। इसी कड़ी में जिले के मिसराल पट्टी के बटोली गावं के संपर्क मार्ग के ध्वस्त होने की सूचना जिलाधिकारी को मिली तो वह बिना देर किए गांव की तरफ रवाना हो गए। अतिवृष्टि के कारण खाईयुक्त बने टीले में परिवर्तित शेरू खाला के जिस रास्ते को बनाने में महीनों का समय लगता दिख रहा था, उसे जिला प्रशासन ने रातों-रात तैयार करवा दिया। साथ ही निर्देश दिए गए कि अगले 03 माह तक इस मार्ग पर दिन-रात मशीनरी मार्ग को सुचारु रखने के लिए तैनात रहेगी।

गांव पहुंचकर जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा, मुसीबत तथा किसी भी अनहोनी को न्यून करना प्रशासन का दायित्व है तथा प्रशासन इसके लिए प्रतिबद्ध है। जिलाधिकारी ने सभी परिवारों के लिए सुरक्षित स्थान पर रहने को किराए के रूप में 3.84 लाख रुपए का एडवांस चेक मौके पर ही हस्तगत किया, जिसमें 4-4 हजार रुपये प्रति परिवार प्रतिमाह की व्यवस्था की गई है। वहीं, तहसीलदार विकासनगर को निर्देशित किया है कि स्थानिकों की समस्या का निवारण करने हेतु क्षेत्र में ही कैंप करें।

गांव में 15 दिन में बनेगा अस्थाई हेलीपैड, वैकल्पिक मार्ग को होगा सर्वे
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र में ग्रामवासियों का सहयोग लेकर अस्थायी हेलीपैड के लिए स्थान चिह्नित करें, जिससे गांव 15 दिन में अस्थायी हेलीपैड बनाया जा सके। वहीं, एसडीएम विकासनगर को निर्देशित किया कि गर्भवती माताओं एवं शिशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु एएनएम नियमित दौरा करेंगी। जिलाधिकारी ने क्षेत्रवासियों से बच्चों को घर से स्कूल के लिए आवागमन न कराने की अपील की। कहा कि स्कूल के नजदीक मकान किराये पर लेकर पठन-पाठन कराया जाए। ग्रामीणों की मांग पर कोटी-बटोली रोड लोनिवि को सौंपने की कार्यवाही के साथ ही बटोली से थान गांव सड़क विकल्प पर लोनिवि को सर्वे के भी निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने झूला पुल एवं स्थायी इंतजाम हेतु सचिव लोनिवि को पत्र प्रेषित किया है। वहीं, 3.98 लाख रुपए लोनिवि को तात्कालिक सुधार हेतु मौके पर ही दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने मेडिकल आकस्मिकता के दृष्टिगत तात्कालिक अस्थाई व्यावस्था बनाने के निर्देश दिए। साथ ही ग्रामवासियों की मांग पर 20 सोलर लाइट डीएम ने अपने कोटे से मौके पर स्वीकृति देते हुए त्वरित कार्य कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी पूरी टीम गांव के साथ खड़ी है।

 

 

 

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