पत्नी की फर्म कुचु-पुचु में 10 लाख जमा करवाने वाले पेयजल मुख्य अभियंता सस्पेंड
सीएम धामी ने दी भ्रष्टाचारियों पर चोट करने की खुली छूट, डेढ़ साल में 52 को किया गिरफ्तार और 09 को सजा

Rajkumar Dhiman, Dehradun: भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त अधिकारियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्रवाई की खुली छूट मिलते ही शासन ने बड़ी चोट कर दी। टेंडर और काम दिलाने के एवज में पत्नी की फर्म के खाते में 10 लाख रुपए डलवाने के आरोपी प्रभारी मुख्य अभियंता (कुमाऊं मंडल) सुजीत कुमार विकास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वर्ष 2024 से अब तक के डेढ़ वर्ष की बात की जाए तो 52 अधिकारी और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किया गया है, जबकि 09 को सजा दिलाई गई।
शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रभारी मुख्य अभियंता सुजीत कुमार विकास के विरुद्ध संजय कुमार पुत्र चंद्रपाल सिंह ने अपने शिकायती-पत्र में कहा कि वह पानी की योजनाओं में पेटी कांट्रेक्टर के रूप में कार्य करता है। वर्ष 2022 में सुजीत कुमार विकास, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता, निर्माण मंडल, उत्तराखंड पेयजल निगम, देहरादून ने संजय कुमार की फर्म मै. हर्ष इंटरप्राईजेज का उत्तराखंड पेयजल निगम में पंजीकरण करवाने एवं विभाग में कार्य दिलाने का आश्वासन दिया।
आरोप है कि इसके एवज में सुजीत कुमार विकास के कहने पर संजय कुमार ने अपनी फर्म मै. हर्ष इंटरप्राईजेज के माध्यम से बैंक ऑफ बडौदा (फायर स्टेशन के पास बाजपुर रोड, काशीपुर) के बैंक खाता सं० 53930200001457 से मै. कुचु-पुचु इंटरप्राईजेज के कोटक महिंद्रा बैंक खाते में दिनांक 06 से 08 जुलाई 2022 के बीच 02 लाख रुपए की 05 किस्तों में 10 लाख रुपए ट्रांसफर किए।

विभाग में उपलब्ध अभिलेखों के अवलोकन से पता चला कि मै. कुचु-पुचु इंटरप्राईजेज वह फर्म है, जिसकी पार्टनर सुजीत कुमार विकास की पत्नी रंजु कुमारी हैं। इस मामले में सुजीत कुमार विकास को स्पष्टीकरण के लिए 15 दिन का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने कोई प्रत्युत्तर प्रस्तुत नहीं किया।
अध्यक्ष उत्तराखंड पेयजल निगम ने स्पष्ट किया है कि सुजीत कुमार विकास के विरुद्ध यह आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं और इस तरह के कृत्य उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी आचरण विनियमावली का स्पष्ट उल्लंघन होना दर्शाता है। लिहाजा, सुजीत कुमार विकास के प्रभारी मुख्य अभियंता (कु.), हल्द्वानी के पद पर बने रहने से विभाग के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
लिहाजा, उत्तराखंड पेयजल निगम कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) विनियमावली में निहित प्राविधानों के तहत सुजीत कुमार विकास को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन की अवधि में सुजीत कुमार विकास, कार्यालय महाप्रबंधक (प्रशिक्षण), मानव संसाधन प्रकोष्ठ, उत्तराखंड पेयजल निगम, रुड़की में संबद्ध रहेंगे।
2021 में सिर्फ 05, 2024-25 में 52 पर पहुंचा गिरफ्तारियों का आंकड़ा
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट प्रदान की हुई है। इसका असर, साल दर साल बढ़ते विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों की संख्या में रूप में नजर आ रहा है। यही नहीं मजबूत साक्ष्य के आधार विजिलेंस गत साढ़े चार साल में 71 प्रतिशत मामलों में आरोपियों को कोर्ट से सजा दिलाने में कामयाब रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य का पदभार संभालते ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस पर रुख साफ कर दिया था। इसका साफ असर विजिलेंस की कार्रवाई में साफ नजर आ रहा है।

बीते 04 साल में बडे से बड़े आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में साल दर साल विजिलेंस ट्रैप और गिरफ्तारियों के साथ ही सजा के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस दौरान विजिलेंस ने कुल 82 ट्रैप में 94 गिरफ्तारियों को अंजाम दिया, जिसमें 13 राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं। बीते साढ़े चार साल से विजिलेंस के पास कुल 125 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें 18 में सामान्य जांच, 25 में खुली जांच के बाद 82 ट्रैप किए गए।
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ठोस साक्ष्य और मजबूत पैरवी से कोर्ट में सजा की दर को भी 71 प्रतिशत तक ले जान में कामयाब रही है। इससे साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार की समस्या को जड़ से खत्म करने के मिशन पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सतर्कता विभाग ने शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल फ्री नम्बर 1064 भी जारी किया है। यही नहीं मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को अंतिम फैसला आने तक आरोपियों को पूर्व के दायित्व या अहम जिम्मेदारी नहीं देने के साथ ही ट्रैप के मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी जाने के निर्देश दिए हैं।
वर्ष गिरफ्तारी निर्णय सजा
2021 07 02 02
2022 15 03 01
2023 20 18 16
2024 38 13 07
2025 14 03 02
(नोट साल 2025 के आंकड़े जुलाई 15 तक के हैं)
बड़ी मछलियों पर डाला गया जाल
01 – लोनिवि एई
नैनीताल जिले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को ठेकेदार से ₹10 हजार रिश्वत मांगने पर रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया ।
02 – यूपीसीएल जेई
देहरादून के हरबर्टपुर सब स्टेशन के एक जेई को विजिलेंस ने ₹15000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
03 – एलआईयू कर्मी
नैनीताल जिले के रामनगर में विजिलेंस की टीम ने एलआईयू के उप निरीक्षक और मुख्य आरक्षी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
04 -रोडवेज एजीएम
काशीपुर में रोडवेज सहायक महाप्रबंधक को अनुबंधित बस संचालन के बदले 90 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।
05 – खंड शिक्षा अधिकारी
हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी को ₹10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार किया गया।
06 – जीएसटी सहायक आयुक्त
देहरादून में कार्यरत जीएसटी सहायक आयुक्त को 75 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
07 – जिला आबकारी अधिकारी
रुद्रपुर में तैनात जिला आबकारी अधिकारी को शराब कारोबारी से 10 लाख रुपए के माल के एवज में 10 फीसदी रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।
हम देवभूमि उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त करते हुए, सुशासन की कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। इसी क्रम में मुख्य सेवक के रूप में कार्यभार संभालने के दिन से ही विजिलेंस को भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने के निर्देश दिए, जिसका असर अब नजर आ रहा है। भ्रष्टाचारियों को अंतिम अदालत सजा दिलाए जाने के लिए भी मजबूत पैरवी की जा रही है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड