उत्तराखंड

उत्तराखंड में बिना नक्शा और पंजीकरण के प्लॉटिंग पर मंत्री ने तलब की रिपोर्ट, उपभोक्ताओं की हित सर्वोपरि

देहरादून। उत्तराखंड में बिना नक्शा और रेरा में पंजीकरण कराए प्लॉटिंग कराने वालों की अब खैर नहीं। शहरी विकास एवं आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रेरा की बैठक लेते हुए ऐसे प्रकरणों पर रिपोर्ट तलब की है। कहा कि उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए टोल फ्री नम्बर जारी करने के निर्देश दिए।

गौरतलब है कि राज्य में व्यवसायिक प्लॉटिंग, आवास, फ्लैट आदि के निर्माण की गुणवत्ता, नियमों का पालन कराने हेतु आवास विभाग में रेरा का गठन किया गया है। इसमें अध्यक्ष समेत तीन सदस्यों की नियुक्ति सरकार करती है। ताकि नियमों का सख्ती से पालन किया जाए। नई सरकार में शहरी विकास मंत्री बने प्रेम चन्द अग्रवाल द्वारा विधानसभा स्थित सभा कक्ष में आज भू सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के कार्यो की समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री द्वारा भू सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) की गतिविधिओं की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि उपभोक्ता के हितों की रक्षा किया जाय तथा सरकार के राजस्व आय में वृद्धि किया जाय। उन्होने पंजीकरण की प्रक्रिया सुगम बनाये जाने के निर्देश दिये। इस सम्बंध में उन्होने टोल फ्री नम्बर जारी करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि निर्धारित 30 दिनों के भीतर पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करके इसका डिजिटल डिसप्ले किया जाय। रेरा से सम्बंधित एजेंट के पंजीकरण की व्यवस्था है परन्तु इसके लिए कोई समयावधि निश्चिित नही है। इस सम्बंध में निर्देश दिया गया कि एजेंट के पंजीकरण के लिए भी एक निश्चित समयावधि निर्धारित की जाय।
विभिन्न विकास प्राधिकरण और रेरा के बीच आपसी समन्वय रख कर जनता की समस्या को दूर किया जाय। बैठक में ऐसे प्रकरण की जानकारी मांगी गयी जिसमें विकास प्राधिकरण से नक्शा पास नही कराया गया है और न ही रेरा से पंजीकरण कराया गया है, किन्तु भूखण्डों की बिक्री की जा रही है। अवैध निर्माण में रेरा की भूमिका निश्चित करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। उन्होने कहा की उपभोक्ता का शोषण नही होना चाहिए और जनता की परेशानी को दूर करने के लिए सुनियोजित विकास किया जाय। बैठक में भू सम्पदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष रविन्द्र पंवार, सचिव प्रकाश चन्द्र दुमका, सदस्य मनोज कुमार, नरेश मठपाल और वित्त नियंत्रक भरत चंद इत्यादि उपस्थित थे।

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