Dehradun

411 महिलाओं ने तय कर दिया दून सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल, होगी रिपोर्ट तलब

देश में महज 12770 महिलाओं के सर्वे के आधार पर तय की गई शहरों में महिला सुरक्षा की स्थिति

Amit Bhatt, Dehradun: जिस देश में महिला आबादी का आंकड़ा कम से कम 72 करोड़ है, वहां 12 हजार 770 महिलाओं पर सर्वे कर देश के 31 शहरों में महिला सुरक्षा की स्थिति तय कर दी गई है। प्रति शहर सर्वे में शामिल महिलाओं का औसत आंकड़ा करीब 411 है। ऐसे में इन सर्वे के आधार पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को महिला सुरक्षा के लिहाज से सर्वाधिक असुरक्षित 10 शहरों की सूची में शामिल कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह सर्वे राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से किया जाना दिखाया गया है। हालांकि, जब उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने इस बारे में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने इस तरह के किसी भी सर्वे से इन्कार कर दिया। अब आयोग की अध्यक्ष ने देहरादून में महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश की छवि धूमिल करने वाली रिपोर्ट को तलब किया है।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाल ही में जारी ‘नारी 2025’ रिपोर्ट पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने स्पष्ट कहा कि यह रिपोर्ट भ्रामक, आधारहीन और देहरादून की छवि धूमिल करने वाली है। दिल्ली में 28 अगस्त को आयोजित नारी 2025 कार्यक्रम में पीवैल्यू एनालिटिक्स के सर्वे के आधार पर ग्रुप ऑफ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडमिशियंस ने यह पुस्तक प्रकाशित की। इसमें 31 शहरों में सिर्फ 12,770 महिलाओं पर किए गए सर्वे के आधार पर देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहरों की सूची में शामिल किया गया।

कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष (उत्तराखंड राज्य महिला आयोग)

इस पर कुसुम कण्डवाल ने कहा कि “सिर्फ 12,770 महिलाओं से कराए गए निजी सर्वे पर असुरक्षा का निष्कर्ष निकालना पूरी तरह भ्रामक है। देहरादून की महिलाएं जानती हैं कि यहां सरकार और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाती है।”

राष्ट्रीय महिला आयोग का भी समर्थन नहीं
कुसुम कंडवाल ने बताया कि पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर भी मौजूद थीं, लेकिन उन्होंने इस सर्वे का समर्थन नहीं किया। रहाटकर ने फोन पर स्पष्ट कहा कि इस रिपोर्ट का राष्ट्रीय महिला आयोग से कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह उनकी ओर से जारी की गई है।

महिला आयोग तलब करेगा रिपोर्ट
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि देहरादून की छवि को धूमिल करने की यह कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। आयोग जल्द ही पीवैल्यू एनालिटिक्स से इस रिपोर्ट से जुड़े सभी आंकड़े तलब करेगा और कड़ी कार्रवाई पर विचार करेगा।

“देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित बताना वास्तविकता से परे है। इस तरह के भ्रामक आंकड़े जनभावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष, उत्तराखंड महिला आयोग

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