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नेपाल से जेल तोड़कर भागे रेप और हत्या के 04 कुख्यात अपराधी उत्तराखंड बॉर्डर पर दबोचे

एसएसपी और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में घुसपैठ से पहले ही दबोचे गए अपराधी

Rajkumar Dhiman, Uttarakhand: नेपाल में हाल ही में हुए जेन जी आंदोलन के दौरान जेल तोड़कर फरार हुए चार कुख्यात अपराधियों को सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने उत्तराखंड बॉर्डर पर धर दबोचा। इनमें से 03 दुराचार के मामलों में सजायाफ्ता हैं, जबकि 01 हत्या का दोषी है। भारत में प्रवेश करने के बाद उनकी गतिविधियों को लेकर एसएसबी और पुलिस की संयुक्त टीम गहन पूछताछ कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, चारों अपराधियों को आवश्यक कार्रवाई पूरी करने के बाद नेपाल पुलिस के हवाले किया जाएगा।

सीमा पर सजगता से हुई गिरफ्तारी
पिथौरागढ़ जिले में तैनात एसएसबी की 55वीं वाहिनी के जवान शुक्रवार रात ध्याण क्षेत्र में काली नदी के किनारे गश्त कर रहे थे। रात करीब 11 बजे चार नेपाली युवक रबर ट्यूब की मदद से नदी पार कर भारत के देवताल क्षेत्र में दाखिल हुए। गश्ती दल ने उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया।

प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे नेपाल की जेल से फरार हैं। एसएसबी ने उनकी जानकारी नेपाल पुलिस से साझा की और वहां से मिली सूची से इनकी पहचान की पुष्टि की।

कौन हैं गिरफ्तार अपराधी?
-धर्मेंद्र चंद, निवासी पंचेश्वर गांव (दुराचार का मामला)
-तर्कराम लुहार, निवासी बैतड़ी (दुराचार का मामला)
-सूरज साऊद, निवासी बेलडाड़ी जिला कंचनपुर (दुराचार का मामला)
-आशिक पहरी, निवासी पाटन (हत्या का मामला)

नेपाल की अदालत ने दुराचार मामलों में तीनों दोषियों को 10 से 18 वर्ष तक की सजा सुनाई थी। वहीं, हत्या के मामले में आशिक पहरी को उम्रकैद की सजा मिली हुई है।

गहन पूछताछ जारी, मंशा की पड़ताल
एसएसबी और पुलिस अधिकारी फिलहाल चारों कैदियों से गहन पूछताछ कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि भारत में घुसने के पीछे उनकी मंशा क्या थी। सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि फरार अपराधियों के भारत में किसी आपराधिक नेटवर्क से संबंध तो नहीं हैं।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ पूरी होने और आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चारों को नेपाल पुलिस को सौंप दिया जाएगा। यह घटना एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा और चौकसी की अहमियत को भी रेखांकित करती है।

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