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वीडियो: गणेश जोशी और डीएम बंसल की टकराहट के मायने, आपदा के लिए जिम्मेदार कौन?

देहरादून में चौतरफा बरपी आपदा के बीच जिलाधिकारी की सक्रियता पर क्यों नाराज हुए कैबिनेट मिनिस्टर गणेश जोशी?

Rajkumar Dhiman, Dehradun: राजधानी देहरादून में चौतरफा बरपे आपदा के कहर के बीच एक ऐसा वीडियो समाने आता है, जो एक मंत्री की हनक को साफ बयां करता है। हनक भी शायद इसलिए कि जिले के सबसे बड़े अफसर आखिर उनके क्षेत्र में कैसे इतने सक्रिय दिख रहे हैं। काबीना मंत्री और मसूरी क्षेत्र के विधायक गणेश जोशी तल्ख रवैये में जिलाधिकारी सविन बंसल को यह कहते हुए साफ दिख रहे हैं कि आप यहां क्यों आ गए। आपको तो…रुकने के लिए कहा था। खैर, जिलाधिकारी बंसल जिलेभर में आपदा का हवाला देते हैं और बातों को अधिक तूल न देते हुए हाथ जोड़ते हुए आगे बढ़ जाते हैं।

इस तनातनी वाली मुलाकात से पहले भी जब वह मंत्री जी से रूबरू हुए तो उन्होंने हाथ जोड़कर ही अभिवादन किया था। यह बात और है कि मंत्री जोशी शायद उनसे पहले से नाराजगी लिए बैठे थे। मंत्री गणेश जोशी वीडियो यह भी कहते नजर आते हैं कि चीफ सेकरेटरी ने फोन उठा लिया, विनय शंकर (मंडलायुक्त) ने फोन उठा लिया…यह तो रही तनातनी और मंत्री गणेश जोशी की नाराजगी की बात।

अब बड़ा सवाल यह है कि सिर पर बरसी आपदा के बाद मंत्री जोशी क्षेत्र के सक्रिय दिख रहे हैं और दुख-दर्द बांटने की कोशिश भी कर रहे हैं। पर सहस्रधारा घाटी जिन हालात से जूझ रही है, उन पर अंकुश लगाने के लिए मंत्री जी ने आज तक क्या किया। बड़ा सवाल यह भी है कि मंत्री गणेश जोशी ने नदी-नालों पर उनकी नाक के नीचे हो रहे अतिक्रमण के विरुद्ध कितनी कार्रवाई के लिए डीएम और उन जैसे कितने अफसरों को फटकार लगाई।

क्योंकि आज वह डीएम के प्रति बेहद नाराज नजर आए हैं। उनके मसूरी विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि पर बेतहाशे कब्जे हैं, खनन पट्टों की अधिकतर भूमि ठिकाने लगाई जा चुकी है। क्या मंत्री जी ने इन पर कभी ऐसी तल्खी दिखाई है? पूरा सहस्रधारा क्षेत्र भूमाफिया जैसे व्यक्तियों के जबड़े में है, क्या मंत्री गणेश जोशी ने यहां भी ऐसी तल्खी दिखाई है ?

जिलाधिकारी सविन बंसल जैसे कर्मठ अफसर को आंख दिखाने वाले मंत्री गणेश जोशी, उन राजनेताओं में शामिल हैं, जिन पर खुद बेहद गंभीर आरोप लगे हैं और लगातार लग रहे हैं। वर्तमान में वह आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के कई आरोपों से घिरे हैं। बेशक वह आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सक्रिय नजर आ रहे हैं, लेकिन क्या यह सवाल वह खुद से पूछ सकते हैं कि उनके क्षेत्र में नदियों की जमीन कब्जाकर और पहाड़ों को काटकर कौन आपदा को न्यौता दे रहा है।

शायद ही किसी ने कभी सुना हो कि मंत्री गणेश जोशी ने अपने क्षेत्रों में अतिक्रमण, अवैध निर्माण, अवैध प्लाटिंग और सरकारी भूमि पर कब्जे को लेकर आवाज उठाई हो, सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हों। उनके लिखे ऐसे पत्र जरूर समाने हैं, जिसमें वह अतिक्रमणकारियों को बचाने की जुगत करते नजर आते हैं। बेशक उन्हें वोट चाहिए और वह वोट बैंक की राजनीति भी करते होंगे, मगर आईएएस सविन बंसल जैसे कर्मठ अफसरों के प्रति ऐसी तल्खी समझ से परे है।

कैबिनेट मिनिस्टर गणेश जोशी को ठंडे मन से यह भी सोचना चाहिए कि यदि डीएम बंसल उनके क्षेत्र में सक्रिय होकर आपदाग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे हैं तो सरकार की एक टीम होने के नाते उन्हें ही इसका माइलेज मिलता। क्योंकि, प्रदेश में सरकार भाजपा की ही है। लेकिन, गणेश जोशी उन्हें अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखते नजर आते हैं। इस वीडियो में साफ नजर आता है कि आपदा जैसी घड़ी में एक टीम के रूप में काम करने की जगह गणेश जोशी डीएम की सक्रियता पर नाराज हैं।

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